नई दिल्ली. वाराणसी में विदेशी निवेश के साथ पूर्वांचल के नई औद्योगिक क्रांति का नया युग सोमवार को शुरू होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) लखनऊ में सोमवार को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 का उद्घाटन करेंगे. वाराणसी में निवेश करने वाले में 10 करोड़ से अधिक के 83 निवेशक लखनऊ और 10 करोड़ से कम का निवेश करने वाले 47 निवेशक वाराणसी में हिस्सा लेंगे.
वाराणसी में 14 विभागों में 15358.81 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरा है. सबसे ज्यादा 7165.81 करोड़ का पर्यटन विभाग का प्रोजेक्ट धरातल पर उतरा. वहीं ,सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला विभाग यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी है. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी के पहले ही टेक्क्निल एजुकेशन की सबसे अधिक 10 परियोजनाएं चालू हो चुकी हैं.
जीबीसी के पहले 1021 करोड़ के निवेश वाले विभिन्न सेक्टर के 33 प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं, जो 2678 लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं. वाराणसी में इटली की निवेश वाली टेसिओ आयल कूलर रेडियेटर जीबीसी 4.0 के पहले से ही उत्पादन कर रही है.
काशी सिर्फ विकास का मॉडल ही बनकर नहीं उभरा है, बल्कि उद्योग धंधे स्थापित करने का भी नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. पूर्वांचल औद्योगिक क्षेत्र में नई क्रांति लाने जा रहा है. मूलभूत सुविधाओं के विकास के साथ योगी सरकार की नई औद्योगिक नीति उद्योगों के स्थापना की नई इबारत लिख रही है. जीबीसी 4.0 के पहले ही यहां 33 प्रोजेक्ट शुरू भी हो चुके हैं. वाराणसी में इटली की कंपनी 51 प्रतिशत एफडीआई के साथ उत्पादन शुरू कर चुकी है.
जीबीसी 4.0 में शामिल होने वाले निवेशक, निवेश, रोजगार व शुरू हो चुकी परियोजनाओं को अगर विभागवार सूची देखा जाय तो वो इस तरह से है. पर्यटन विभाग के तहत 26 प्रोजक्ट्स में 7165.81 करोड़ का निवेश किए जा रहे हैं. इससे 12938 लोगों को रोजगार मिलेगा. इसी तरह हथकरघा और कपड़ा महकमा 266.75 करोड़ रुपये का निवेश करा रहा है, जबकि हॉर्टिकल्चर विभाग 20 प्रोजेक्ट्स में 748.63 करोड़ रुपये का निवेश ला रहा है.
हाउसिंग 2054.32 करोड़ रुपये का निवेश ला रहा है. इसी तरह चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग कुल 4 प्रोजेक्ट्स में 1002 करोड़ का निवेश ला रहा है. पशुपालन विभाग और सहकारिता दुग्ध विकास जैसे विभागों में भी छ प्रजोक्ट भारी निवेश ला रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे. ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोत से जुड़े एक प्रोजेक्ट में 125 करोड़ रुपये का निवेश आना है.
इसी तरह चिकित्सा शिक्षामें 49.54 करोड़ रुपये, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन में 518 करोड़ रुपये, आईटी व इलेक्ट्रोनिक्स में 550 करोड़ रुपये, तकनीकी शिक्षा में 126.76 करोड़ रुपये और यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी कुल चार 561 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)
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FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 09:51 IST