वन विभाग की मिलीभगत से नवरात्र में नीम के हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, विजयपुर में जनाक्रोश

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रिपोर्ट: एके बिन्दुसार (चीफ एडिटर -BMF NEWS NETWORK)

मिर्जापुर: गैपुरा के विजयपुर गांव में वन विभाग के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से नवरात्र के पवित्र महीने में नीम और जामुन के हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई का मामला सामने आया है। बीते तीन-चार दिनों से जारी इस कटाई में अब तक ढाई दर्जन हरे पेड़ों को धराशायी कर दिया गया है। लालगंज वन विभाग के वन क्षेत्राधिकारी कृष्ण कुमार सिंह का दावा है कि पेड़ों को काटने की परमिशन ली गई है, लेकिन स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में इसे लेकर गहरा आक्रोश व्याप्त है।लकड़ी के सौदागर बल्ला खान ने खुलकर कहा, “हर काम का सौदा होता है। वन विभाग के अधिकारियों और तथाकथित पत्रकारों को मैनेज करना पड़ता है, तभी हरे पेड़ काटे जा सकते हैं। कितने पेड़ काटने हैं, यह नहीं बताएंगे, बस परमिशन मिल जाता है।” यह कटाई विजयपुर मंदिर से कुछ ही दूरी पर सड़क किनारे स्थित एक बगीचे में हो रही है, जो सत्य यात्रा न्यूज़ के संपादक गंगा राम मौर्य के स्कूल के सामने है।नवरात्र के दौरान नीम के पेड़ों की कटाई से शीतला और दुलारो माता के श्रद्धालुओं में रोष बढ़ता जा रहा है। शीतला मंदिर के पास यह हरकत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वन विभाग का यही रवैया रहा तो छानबे क्षेत्र की 97 ग्राम पंचायतों वाला यह इलाका जल्द ही मरुस्थल में तब्दील हो जाएगा।हरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को हो रही भारी क्षति को लेकर श्रद्धालु ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित किया है और इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि यह कटाई नहीं रुकी तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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