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सीएमओ के तल्ख तेवरों से सर्द मौसम में छूटे झोलाछाप चिकित्सकों के पसीने , सिघंम ने टीम के साथ मलावन में चार हॉस्पीटल, क्लीनिक, पैथलॉजियों को किया सील,.एक को दिया नोटिस

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रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा 

एटा ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. उमेश कुमार त्रिपाठी के तल्ख तेवरों के चलते आज सोमवार को डिप्टी सीएमओ अवैध चिकित्सा व्यवसाय डा. सर्वेश कुमार ” सिघंम ” की टीम के सदस्य प्रभारी डीएमओ लोकमन सिहं एवं पुलिस बल आदि के द्वारा ब्लॉक सकीट क्षेत्र के कस्बा मलावन में फर्जी तरीके से संचालित हॉस्पीटल, क्लीनिक एवं पैथलॉजियों पर अचानक की गई छापामार कार्यवाही के दौरान जहां रॉयल हॉस्पीटल, लाइफ केयर पैथलॉजी, बालाजी पैथलॉजी सेन्टर व हिरोंदी पर झोलाछाप चिकित्सक दीपक के क्लीनिक को सील करने की बडी कार्यवाही की गयी तो वहीं एटा शहर में जवाहर लाल नेहरू डिग्री कालेज के निकट रजिस्टर्ड ओम श्री हॉस्पीटल पर इंचार्ज चिकित्सक की बिना मौजूदगी में मरीजों के चल रहे उपचार को लेकर नोटिस देकर तीन दिन में जबाब न देने पर विभागीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है ! स्वास्थ्य विभाग के छापामार दल के वरिष्ठ सदस्य प्रभारी डीएमओ लोकमन सिहं ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के निर्देश पर जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिह के निर्देशन में सीएमओ द्वारा गठित छापामार टीम को समूचे जनपद में अंपजीक्रत हॉस्पीटल्स, क्लीनिकों व पैथलॉजियों पर तत्काल सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए गऐ है ! क्योंकि झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा अपने प्रतिष्ठानों पर फर्जी रूप से एमबीबीएस एमएस चिकित्सकों के नाम बोर्ड पर दर्शाकर ग्रामीण क्षेत्रों के भोले बाले मरीजों का जमकर आर्थिक शोषण ही नहीं किया जाता बल्कि मरीज को मरणासन्न अवस्था में मेडीकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है तथा कभी कभी मरीजों को गलत दवा देने से उसकी असमय म्रत्यु भी हो जाती है ! इसलिऐ जनपद मे संचालित सभी फर्जी चिकित्सा प्रतिष्ठानों को बंद कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रही है ! सीएमओ डा. उमेश कुमार त्रिपाठी ने जिले के नागरिकों से अनुरोध किया है कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सरकारी आरोग्य केन्द्रों, सब सेन्टर्स सहित न्यू पीएसची सहित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर ही अपने बीमार परिवारीजनों का बेहतर उपचार कराऐं तथा मुख्यालय पर स्वशासी मेडीकल कॉलेज में भी गंभीर से गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों सहित साधन संसाधन उपलब्ध हैं, जहां बेहतर तरीके से मरीजों का उचित निशुल्क उपचार व निशुल्क दवाओं की व्यवस्थाऐं सरकार द्वारा की गई है, उसका लाभ उठाऐं, न कि किसी झोलाछाप के यहां पहुंचकर अपना आर्थिक शोषण न कराये।

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