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मुंगेर प्रमंडल के सभी जिलों में पेयजल समस्या एवं संकट निवारण हेतु समीक्षात्मक बैठक

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मुंगेर से (उत्तम कुमार यादव) की रिपोर्ट

मुंगेर, 18 जून 2024: भीषण गर्मी के दृष्टिगत मुंगेर प्रमंडल के सभी जिलों में पेयजल समस्या एवं संकट, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग अंतर्गत पेय जलापूर्ति व्यवस्था, हर घर नल जल की व्यवस्था की समीक्षात्मक बैठक मंगलवार को प्रमंडलीय सभागार में प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पीएचईडी विभाग तथा पंचायती राज विभाग अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं के तहत पेयजलापूर्ति योजना के शत प्रतिशत क्रियान्वयन करने तथा हर घर नल जल योजना का लाभ लाभूकों को पहंुचाने पर बिंदुवार चर्चा हुई। बैठक में आयुक्त के सचिव अरविंद कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी दिलीप कुमार देव, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी मुंगेर एवं बेगूसराय अंचल, सभी जिलों के कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी सहित अन्य उपस्थित थे।
आयुक्त द्वारा प्रमंडल अंतर्गत लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के तहत जिले भर में पेय जलापूर्ति के लिए क्रियान्वित योजनाओं के संबंध में ली गयी योजनाओं, कार्यरत, अकार्यरत एवं विवाद के कारण बाधित योजनाओं की जिलाबार जानकारी ली गयी।

लखीसराय अधीक्षण अभियंता द्वारा बताया गया कि हर घर नल जल योजना के लिए बिछाए गए पाइप लाइन से कुछ जगहों पर स्थानीय किसानों अथवा दबंगों द्वारा पाइप को पंक्चर कर खेतों के सिंचाई का कार्य किया जा रहा है, जिससे अन्य लोगों को पेयजल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अन्य जिलों में भी ऐसी शिकायतों की जानकारी पर आयुक्त ने कहा कि ऐसे लोगों को चिन्हित करें तथा तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। यदि उनके द्वारा कोई विरोध किया जाता है तो दण्डाधिकारी तथा पुलिस बल को साथ ले जाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। ऐसे तत्वों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावे पेयजल के लिए जो भी टावर का निर्माण किया गया है, उसकी गुणवत्ता की जांच करें ताकि पेय जल का स्टोरेज उसमें सही से हो और उससे स्थानीय आम जन को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा सके।
आयुक्त ने कहा कि सभी टावरों का आईओडी डिवाइस से माॅनिटरिंग करें तथा उसका अद्यतन जांच प्रतिवेदन लेते रहें, कि कहीं उसमें कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। मुंगेर पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि मुंगेर में पीएचईडी के तहत 800 योजना है और सभी क्रियान्वित हैं। आयुक्त द्वारा जानकारी ली गयी कि यदि कहीं बोरिंग फेल होने की स्थिति उत्पन्न होती है तो उस पर क्या कार्रवाई की जाती है। इस पर संबंधित अभियंता द्वारा बताया गया कि माइनर समस्या का निजात 24 घंटे तथा मेजर समस्या का 72 घंटे के अंदर निदान कर लिया जाता है। बोरिंग के किसी भी समस्या का निदान तुरंत कर दिया जाता है। आयुक्त ने बताया कि कई जिलों से आॅपरेटर द्वारा पेय जलापूर्ति में अनियमितता बरती जा रही है, ऐसे आॅपरेटरों को चिन्हित करें तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करें। आयुक्त ने सभी कार्यपालक अभियंताओं से छूटे हुए टोलों, वार्डांे/बसावटों में जहां नल जल योजना ली गयी है, बताया गया कि टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है। निदेश दिया गया कि छूटे हुए नल जल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए टेंडर से संबंधित सभी प्रक्रिया, एकरारनामा एवं कार्यादेश संबंधी सभी प्रक्रिया अधिकतम दो माह के अंदर हर हाल में पूर्ण कर योजनाओं को क्रियान्वित करें। अधीक्षण अभियंता बेगूसराय एवं मुंगेर को अपने स्तर से अनुश्रवण करते हुए उसे सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
आयुक्त द्वारा पीएचईडी कार्यपालक अभियंताओं से सभी जिलों के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में नल जल योजना द्वारा टावर निर्माण और बोरिंग की व्यवस्था की भी जानकारी ली गयी। बताया गया कि सभी जिलों में अब शिक्षा विभाग के स्तर से पेय जलापूर्ति की व्यवस्था किया जाना है। आयुक्त ने कहा कि यदि शिक्षा विभाग द्वारा भी इस तरह की व्यवस्था की जा रही है तो भी आप उसकी जांच रिपोर्ट तैयार कर रखें साथ ही उसकी गुणवत्ता की भी जांच करें। इसके अलावे सभी विद्यालयों में पीएचईडी द्वारा चापाकल कार्यरत करने की भी व्यवस्था करें। विद्यालय द्वारा किए गए पेयजलापूर्ति के अतिरिक्त पीएचईडी विभाग द्वारा सभी विद्यालयों में चापाकल अवश्य संस्थापित कराएं, ताकि यदि बोरिंग खराब हो तो चापाकल से पानी की व्यवस्था होती रही। इस संबंध में उपस्थित क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक सह आयुक्त के सचिव को निर्देश दिया गया कि वे सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट प्राप्त करें, कि ऐसे प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों जो छूटे हुए हैं, जहां चापाकल कार्यरत नहीं है, की सूची संबंधित कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को चापाकल की मरम्मती हेतु हस्तगत कराएं। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में भी आयुक्त द्वारा पेयजलापूर्ति व्यवस्था का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पीएचईडी विभाग द्वारा कम से कम एक कनेक्शन पेयजल की जरूर लगाएं। उन्होंने सभी डीपीओ आईसीडीएस से जिलावार सभी सरकारी निजी भवनों में नल जल योजना से जलापूर्ति एवं चापाकल की स्थिति के संबंध में प्रतिवेदन प्राप्त करने का निर्देश विशेष कार्य पदाधिकारी को दिया गया। तद्लोक में संबंधित कार्यपालक अभियंता, सभी निजी/सरकारी भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में प्राप्त सूची के आधार पर 15 दिनों के अंदर शत प्रतिशत पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें।
आयुक्त ने सभी जिलों के भू-जल स्तर की भी जानकारी ली। जिलावार भू- जलस्तर की जानकारी दी गयी। बताया गया कि भू- जल स्तर से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला शेखपुरा है, जहां का भू-जल स्तर 38 फीट है। वहीं खगड़िया का औसत भू- जल स्तर से 19 फीट बताया गया। जबकि मुंगेर का 28 फीट, जमुई का 29 फीट, बेगूसराय का 24 तथा लखीसराय का 29 फीट औसत जल स्तर बताया गया। आयुक्त ने कहा कि शेखपुरा में जलस्तर की समस्या गंभीर प्रतीत हो रही है, इस लिए वहां पेय जलापूर्ति की समुचित व्यवस्था करें ताकि इस भीषण गर्मी में लोगों को पेयजल की समस्या से नहीं जूझना पड़े। साथ ही चापानलों का भी लक्ष्य के अनुरूप संस्थापन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिस टोलों में पेयजल की जहां जहां समस्या है और नल जल योजना से लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है, वैसे स्थानों पर जलापूर्ति हेतु तत्काल टैंकर के माध्यम से पेयजल सुलभ कराएं और फिर परमानेंट व्यवस्था भी करें। अधीक्षण अभियंता स्वयं इसका अनुश्रवण करें कि उस क्षेत्र में नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था हेतु स्थायी निदान कैसे हो सकता है और इसके लिए योजना तैयार कर अग्रेतर कार्रवाई करें।
आयुक्त ने कहा कि जल संकट अथवा समस्या को लेकर विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित जिलावार प्रेस कतरन का उल्लेख करते हुए संदर्भित समाचार के आलोक में की गयी कार्रवाई के संबंध में संबंधित अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंताओं से जानकारी ली एवं निर्देश दिया कि उक्त प्रेस कतरनों के आलोक में कृत कार्रवाई प्रतिवेदन वे एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्हांेने कहा कि नल जल योजना में जल के अपव्यय पर भी रोकथाम आवश्यक है। इसके लिए लोगों को जागरूक करें।

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