रिपोर्ट – पत्रकार अनवर अली।
- भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने मामले को लिया गंभीरता से उच्च स्तरीय जांच कराने की किया मांग।
- महिला पत्रकारों के द्वारा पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने के मामले को चिंता जनक बताया।
- मानता हूं कि कुछ पत्रकार पत्रकारिता धर्म के विपरीत कार्य करते हैं– एके बिंदुसार संस्थापक भारतीय मीडिया फाउंडेशन।
नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश बांदा में पत्रकार पर मुकदमा: भारतीय मीडिया फाउंडेशन का रुख
उत्तर प्रदेश के बांदा में दैनिक अमृत प्रभात समाचार पत्र के मान्यता प्राप्त पत्रकार इकबाल खान पर महिला पत्रकारों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने इस घटना को चिंताजनक बताते हुए कहा कि कुछ पत्रकार पत्रकारिता के मूल्यों के विपरीत कार्य करते हैं।
यह मामला भारतीय मीडिया के सामने कई गंभीर सवाल खड़े करता है:
पत्रकारिता के मूल्यों का हनन: यह मामला दर्शाता है कि कुछ पत्रकार अपने पेशे के मूल्यों का उल्लंघन कर रहे हैं। पत्रकारिता का उद्देश्य सत्य को सामने लाना होता है, न कि व्यक्तिगत दुश्मनी निकालना।
महिला पत्रकारों के खिलाफ हिंसा: यह मामला महिला पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है। महिला पत्रकारों को अक्सर अपने काम के दौरान उत्पीड़न और धमकी का सामना करना पड़ता है।
पत्रकारिता में पारदर्शिता की कमी: इस घटना से पता चलता है कि पत्रकारिता में पारदर्शिता की कमी है। कई बार पत्रकार अपने स्वार्थ के लिए सच को छुपाते हैं या फिर झूठी खबरें फैलाते हैं।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन का इस मामले में हस्तक्षेप सराहनीय है। भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने उच्च स्तरीय जांच की मांग करके दिखाया है कि वह पत्रकारिता के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
निष्पक्ष जांच: इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए ताकि दोषी व्यक्ति को सजा मिल सके।
महिला पत्रकारों की सुरक्षा: महिला पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानून बनाए जाने चाहिए।
पत्रकारिता शिक्षा में सुधार: पत्रकारिता के छात्रों को नैतिक मूल्यों और पत्रकारिता के सिद्धांतों के बारे में अच्छी तरह से शिक्षित किया जाना चाहिए।
पत्रकार संघों की भूमिका: पत्रकार संघों को पत्रकारों के बीच नैतिकता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।