रिपोर्ट: दिलीप सिंह राणा (समाचार संपादक )
- स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से धड़ल्ले से बिना लाइसेंस चल है रहे दर्जनों अस्पताल।
लखीमपुर खीरी।जिले के स्वास्थ्य संबंधित अधिकारी बिना लाइसेंस के फर्जी अस्पतालों के मालिकों से चड़ावे है कि के रूप में लेते हैं मोटी रकम फिर उनके कान व आंख रहते हैं बन्द उसके बाद होता है खेल शुरू फर्जी अस्पतालों का मनमाने तरीके से वसूला जाता है रुपया अगर किसी महिला का बिना ऑपरेशन के नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है उसका भी सीजर करके कर देते हैं उसकी जिंदगी खराब बहुत अस्पताल स्वामी विरोध करने वाले लोगों को देते हैं धमकी करते हैं खुलेआम गुंडई कई घटनाएं होने के बावजूद भी नहीं कर रहा स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई l जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर एक संस्था ने की अवैध रूप से बिना लाइसेंस चल रहे अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग जिसको ठंडे बस्तै में डाल दिया गया है।
इन बिना लाइसेंस के फर्जी अस्पतालों को चालवाने में मैन भूमिका आशाओं का होता है जो गांव के सीधे-साधे लोगों को लाकर प्राइवेट हॉस्पिटल में करवा देते हैं भरती फिर उन्हें नजराने के तौर पर दिया जाता है अस्पताल स्वामियों द्वारा मोटी रकम जबकि पलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी की सारी सुविधाएं उपलब्ध है निशुल्क जबकि आशाओं का काम है जिम्मेदारी है कि उनके क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं को सारी सुविधाएं मुहैया करवाना डिलीवरी के समय सरकारी अस्पताल ले जाना लेकिन अपना फर्ज व जिम्मेदारी भूल कर करती है प्राइवेट हॉस्पिटलों के लिए काम जब तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस जटिल समस्या पर नहीं देते हैं ध्यान तब तक गरीब असहाय लोगों की जेबे इसी तरह से कटती रहेंगी।