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गायत्री ज्ञान मंदिर सिंदरी में दुर्गा पूजा के अवसर पर डांडिया उत्सव धूमधाम से मनाया गया।

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NEWS BMF के लिए झारखंड धनबाद से कैमरा मैन राज कुमार शर्मा के साथ ब्यूरो चीफ प्रेम प्रकाश शर्मा की रिपोर्ट।

सिन्दरी, धनबाद। दूर्गा पूजा भारतीय संस्कृति का एक महत्व पूर्ण उत्सव है।दुर्गा पूजा, जिसे नवरात्रि के दिन से कलश स्थापना पूजा पाठ प्रारंभ हो जाता है। विभिन्न पूजा मंडपों में षष्ठी को मां दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित कर नौमी ताक पूजा अर्चना बड़ी धूमधाम से किया जाता है दशमी को मां दुर्गा जी का विसर्जन किया जाता उसी दिन रावण दहन किया जाता है।भारत के सबसे बड़े और प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। यह उत्सव मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, जिन्हें शक्ति और समर्पण की देवी माना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, आसाम, ओड़िशा और झारखंड में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

दुर्गा पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, कला, और परंपराओं का जीवंत उदाहरण है। इस दौरान मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना सिन्दरी में जैसे शहरपुरा सेन्ट्रल दूर्गा पूजा, रोड़ाबान्ध , मनोहर टांड़, डोमगढ़, बीआईटी केम्पस ,गौशाला, ए सी सी,एस के फोर , आर एम के फोर, आई एम टाइप, रांगामाटी , आर के वन, एवं अन्य आसपास के क्षत्रो में पूजा अर्चना धूमधाम से मनाया जाता है।भक्त जन श्रद्धा भक्ति भाव के साथ मां की पूजा करते हैं। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

डांडिया: एक पारंपरिक उत्सव है।
डांडिया नृत्य इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह नृत्य मुख्य रूप से गुजरात की संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इसे नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से किया जाता है। डांडिया का अर्थ होता है “डांडिया” या “छड़ी” और यह नृत्य संगीत के साथ छड़ियों को लेकर किया जाता है।

गायत्री मंदिर सिन्दरी में सैकड़ों माताएं भाई बहन सामुहिक मंत्र जाप का संकल्प लिया,प्रति दिन सभी के उज्जवल भविष्य के लिए हवन यज्ञ किया जाता है। मंदिर के प्रांगण में आयोजित गरबा महोत्सव, डांडिया नृत्य दिनांक . 5 / 6 शुक्रवार, और शनिवार को संध्या छः बजे से मनाया गया, भाग लेने वाले गायत्री परिवार, साई परिवार, नारी सेवा एवं अन्य गणमान्य भाई बहनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मुख्य रूप से उपस्थित बी.डी.राज कुमार जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर मां दुर्गा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए, साथ ही उपस्थित भाई बहनों ने भी पुष्प चढ़ाएं, गरबा डांडिया नृत्य आरम्भ किया गया। परिवार के परिजनों की उपस्थिति ही कला एवं कलाकार के मनोवल को दर्शाता है।

सिंदरी साई मंदिर में भी डांडिया का आयोजन किया गया है
इस वर्ष सिंदरी साई मंदिर में 9 और 10 अक्टूबर को संध्या 6:00 बजे भव्य डांडिया का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावना को बढ़ाता है, बल्कि समाज के लोगों को एकत्रित करने और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देने का भी कार्य करता है। सभी जगह दुर्गा पूजा की तैयारियां में जुटे हुए हैं एक से बढ़कर एक पूजा मंडपों, पंडाल बनाया जा रहा है विधुत रौशनी से शहरों को सजाया जा रहा है चारों तरफ भक्ति मय वातावर्ण देखा जा रहा है।

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