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राम के गले में सीता ने पहनाया वरमाला

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रिपोर्ट: राजेश कुमार शास्त्री (सिद्धार्थनगर)

सिद्धार्थनगर । डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत चौखड़ा स्थित रामलीला मैदान में आदर्श जय बजरंग रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे रामलीला कार्यक्रम में गत रात्रि दिखाया गया कि विश्वामित्र जी के आदेश पर राम लक्ष्मण पुष्प वाटिका में फूल तोड़ने जाते हैं की वही सीता जी भी गिरिजा पूजन के लिए आती हैं। राम सीता को तथा सीता राम को देखते हैं।

गिरिजा पूजन के समय आकाशवाणी होती है कि सीता तुम्हारी मनोकामना पूरी है सीता जी मन ही मन में राम को अपना बर मान लेती हैं उधर जनक जी राज्यसभा में स्वयंवर में बैठे हुए हैं तमाम देश के राजा महाराजा धनुष तोड़ने के लिए आते हैं नारद जी भी आते हैं पूछते हैं जनक जी उनको बताते हैं नारद जी बाणासुर तथा रावण के पास पहुंचकर उन दोनों को भी स्वयंवर में भेजते हैं रावण और बाणासुर का संवाद होता है दोनों बिना धनुष तोड़े वापस हो जाते हैं ।

जनक जी कहते हैं कि ऐसा लगता है कि पृथ्वी वीरों से खाली है उनके पुत्री का विवाह नहीं होगा जिस पर लक्ष्मण जी कहते हैं कि रामचंद्र जी के यहां होते हुए ऐसा बात शोभा नहीं देता है विश्वामित्र जी रामचंद्र जी को धनुष तोड़ने के लिए कहते हैं रामचंद्र जी गुरु विश्वामित्र को प्रणाम करने के बाद धनुष को प्रणाम करते हैं तथा एक ही झटके में धनुष को तोड़ देते हैं सीता जी आती है और उनको वरमाला पहना देती हैं धनुष टूटने की आवाज सुनकर परशुराम जी आते हैं तथा काफी गुस्सा में जनक जी को डांटे हैं लक्ष्मण जी इसका विरोध करते हैं परशुराम जी तथा लक्ष्मण जी के बीच में संवाद होता है बाद में परशुराम जी को अपने भूल का पता लग जाता है और वह रामचंद्र जी और लक्ष्मण जी से क्षमा मांगते हुए तपस्या करने चले जाते हैं। इस अवसर पर अरुण कुमार सिंह ,मंगलहलवाई ,अंतरिक्ष प्रताप सिंह ,अंशुमान सिंह ,बसंत, कौशल ,प्रेम रावत, रामदेव मौर्य, अर्जुन अर्क बंसी, विनोद अर्कवंशी ,धीरू ,गोलू, मुन्ना गुप्ता ,,रामू गुप्ता, मुरली सोनी ,जय मिश्रा , धनेश यादव, शिवम कसौधन,, जिगर ,रवि मोदनवाल ,मोहित ,बजरंग मिश्रा, अकरम ,राजू , छोटे, छोटू, राजमणि पांडे सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम पर सपोर्ट संचालन ठाकुर प्रसाद मिश्र ने किया।

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