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मजदूरों का बकाया भुगतान,वेतन में विसंगति व श्रम कानूनों के विरूद्ध ओबरा उपजिलाधिकारी के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।

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ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष के अगुवाई में ओबरा टी०एम०सी० कम्पनी द्वारा मजदूरों का बकाया भुगतान,वेतन में विसंगति व श्रम कानूनों के विरूद्ध ओबरा उपजिलाधिकारी के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।

रिपोर्ट सत्यदेव पांडे बीएमएफ ब्यूरो चीफ सोनभद्र


ओबरा/ सोनभद्र – दिनांक 9 अक्टूबर 2024 को दूसान पावर सिस्टम इण्डिया लि० में कार्यरत सह संविदाकार मेसर्स टी०एम०सी० के वर्करों/ स्टाफ के वेतन गड़बड़ी व बकाया भुगतान के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया गया था जिसमें क्रम में श्रम विभाग व टी०एम०सी० कम्पनी के अधिकारियों व मजदूरों के तरफ से ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष शिवदत्त दूबे के मध्य वार्ता हुई थी । जिसके क्रम में दिनांक 15.10.2024 को समिति के अध्यक्ष शिव दत्त दुबे के नेतृत्व में तहसील परिसर में मजदूरों के साथ जोरदार प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन ओबरा उप जिलाधिकारी के नाम तहसीलदार को सौंपा गया।

दूसरी वार्ता के क्रम में श्रम विभाग के अधिकारी द्वारा कहा गया कि दूसान पावर सिस्टम इण्डिया लि० के अधिकारी के समक्ष ही वार्ता किया जायेगा किन्तु दूसान पावर सिस्टम इण्डिया लि० के अधिकारियों ने उक्त के सम्बन्ध में किसी प्रकार की वार्ता करने से इन्कार कर दिया है । जिससे स्पष्ट साबित होता है कि कार्यरत मजदूरों के वेतन में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है तथा वेतन भुगतान भी समय से श्रम कानून के तहत नहीं किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में श्रम विभाग द्वारा नोटिस जारी कर दूसान पावर सिस्टम इण्डिया लि० के अधिकारियों को वार्ता में बुलाया जाना आवश्यक एवं न्यायसंगत है.।

जिससे मजदूरों के साथ हो रहे शोषण को रोका जा सके एवं उनके साथ न्याय हो सके । श्री दुबे ने बताया कि अन्यथा की स्थिति में गरीब मजदूर टी०एम०सी० दूसान पावर सिस्टम इण्डिया लि० व मुख्य महाप्रबन्धक, ओबरा तापीय परियोजना के खिलाफ धरना प्रर्दशन व अनशन के लिए बाध्य होगें जिसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी ।

ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष ने कहा कि आज कंपनियों द्वारा पैसे का बंदरबाट किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जहाँ एक तरफ प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री के द्वारा संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया है कि श्रमिकों का शोषण विल्कुल नहीं बर्दाश्त किया जायेगा और वहीं संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा मजदूरों की वास्तविक मांग को दरकिनार करते हुए ठेंगा दिखाया जा रहा है।

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