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“मंहगाई -2: खाने पीने के खतरनाक, केमिकल युक्त, सामानों से बढते बिमारियों की चपेट आता वर्तमान युवा |

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रिपोर्ट: कृष्ण कान्त जायसवाल

“मंहगाई -2: खाने पीने के खतरनाक, केमिकल युक्त, सामानों से बढते बिमारियों की चपेट आता वर्तमान युवा |
*कम उम्र में हार्ट डिजीज, किडनी, लिवर, आंत , ब्रेन सहित सैकड़ों बिमारी क्यों हो रहे हैं ? क्यों मृत्यु कम उम्र के युवाओं को चपेट में ले रही है ?
क्योंकि बडे बडे लोग, नेता, अभिनेता, अभिनेत्री झुठा प्रचार करते हैं, आप झुठे प्रचारों को सच मानते हैं और केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ सेवन करते हैं, इससे कम्पनियाँ हजारों करोड़ कमा रही हैं और हमें बिमार कर रही हैं|
दवाई-
*जब हम बिमारी के शिकार होते हैं हम हास्पिटल जाते हैं, लाखों रूपये खर्च कर अपने को बचाने की कोशिश करते हैं, लेकिन वर्तमान सरकार दवा कम्पनियों से सैकड़ों करोड़ की #ElectotalBand खरीदवाती है और हर टेस्ट के फेल दवाई को बेचने की परमिशन देती है|*
*हर्ट, ब्रेन, गम्भीर बीमारी के इलाज के इंजेक्शन, कैपसूल बेचने वाली कम्पनियों की दवा करते हैं, लेकिन हमारे लाखों की दवा के बाद भी हम नहीं बच पाते, क्योंकि दवा ही काम लायक नहीं थी, हम भगवान को दोष देते हैं लेकिन सच यह है कि दवा कम्पनियों के दवाओं से मरे|*
*दवाओं के दाम मनमाना बढता है कोई पुछने लगा नहीं है कि कल जो दवा 100/ की थी आज 150 कैसे हो गयी ?*
*अगर आपको याद न हो तो बताते है कि #कोरोनाकाल में बीमारी से बचने के लिए अंतिम दवा “रेनडेसीवियर” नामक इंजेक्शन को सरकार ने प्रमाणिकता दी थी, जिसकी वास्तविक कीमत 900/ थी, लेकिन दवा की कमी बता कर वही दवा 25,000-45,000/ में बेचा गया |*
*क्या आप जानते हैं कि टेस्ट में वह दवा फेल हो गयी थी, वह बीमारी पर कारगर नहीं थी, फिर भी बेची गयी, जनता खरीदी और लाखों खर्च करने के बाद भी मर गये | इसकी जिम्मेदार कौन थे, वही जिसने दवा कम्पनियों से सैकड़ो करोड़ चुनावी बांड से पैसे लेकर परमिशन दिये थे|
एक और गम्भीर बात बताऊं
*कोरोना से बचने के लिए जिस वैक्सीन को हजारों करोड़ खर्च कर प्रचार किया गया था, वह टेस्ट में फेल था ?* *जिसे लगवाने वाले लाखों के मृत्यु का कारण भी वैक्सीन हीथा, हार्ट अटैक, हार्ट सीज, अंगों काफेल होना, उसके साइड इफेक्ट थे |
सत्ताधीश हे चुनावी बांड से हजारों करोड़ कमाये, हास्पीटल, डाक्टरों ने करोडों कमाए, लेकिन लाखों खर्च कर मरा कौन ? हमारे आपके जैसे लोग|
हमने #ElectoralBand की SBI द्वारा चुनाव आयोग की साइट पर की जानकारी शेयर की थी | जिसमें दवा कम्पनियों ने हजारों करोड़ के बांड खरीदे थे, अगर आप चाहे तो फिर कम्पनियों के नाम और दवाओं की लिस्ट डाल देंगे|
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