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जनपद में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक, डीएपी उपलब्ध, निर्धारित मूल्य से अधिक विक्री पर होगी कार्यवाही

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रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा

एटा। 05 अक्टूबर 2024 (सू0वि0)। जिला कृषि अधिकारी मनवीर सिंह ने जिले के समस्त कृषकों को सूचित किया है कि जनपद में सहकारिता में 3297.13 मी०टन एवं निजी विक्रेताओं पर 4508.35 मी० टन कुल 7805.48 मी० टन उर्वरक डी०ए०पी० उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त 3421.06 मी०टन एन०पी० के० उपलब्ध है। उपर्युक्त उर्वरक डी०ए०पी० एवं एन०पी० के० की कुल 11226.54 मी०टन उपलब्धता है। अक्टूबर माह में उर्वरक डी०ए०पी० का लक्ष्य 6000 मी०टन एवं एन०पी०के० का लक्ष्य 3100 मी०टन कुल 9100 गी०टन डी०ए०पी० एवं एन०पी०के० अक्टूबर माह के अन्तिम सप्ताह तक रैक के माध्यम से आपूर्ति हो जाएगी। अक्टूबर माह के अन्त तक 20326.54 मी०टन फारफेटिक उर्वरक उपलब्ध रहेगा।

जनपद में उर्वरक डी०ए०पी० की कोई कमी नहीं है। उर्वरक विकी केन्द्रो पर फारफेटिक उर्वरक की अनवरत आपूर्ति होती रहेगी। जनपद के समस्त कृषकों से अनुरोध है कि सरसों व आलू की बुवाई के अनुसार ही उर्वरक कय करें, भविष्य के लिए उर्वरक का स्टॉक कय करके न रखें। गेंहू के लिए नवम्बर माह में कय करें। लगातार उर्वरक की रैक आ रही हैं। डी०ए०पी० उर्वरक का विक्रय मूल्य 1350.00 रूपये/बोरी निर्धारित है, जनपद के सगस्त उर्वरक थोक फुटकर विक्रेताओं एवं सहकारी समिति के सचिवों को निर्देशित किया जाता है कि कृषकों को उनकी जोत वही खतौनी देखकर उसमें अंकित कृषि भूमि एवं उगाई जाने वाली फसल के अनुसार ही पी०ओ०एस० मशीन के माध्यम शतप्रतिशत उनके आधार कार्ड के द्वारा अंकित/निर्धारित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त उर्वरक बिक्री करना सुनिश्चित करें एवं अन्य जनपद के कृषकों को उर्वरकों की बिकी न करें।

यदि निर्धारित मूल्य से अधिक में विकी करते हुए पाये जाने पर उर्वरक नियन्त्रण आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। रबी सीजन की बुवाई के लिए खाद मिलने में यदि कोई दिक्कत हो तो जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के मोबाइल नम्बर 8318595504 9719553009 एवं 9720464700 सम्पर्क करें।

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