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थाना निधौली कलां क्षेत्र में डॉक्टर जाकिर हुसैन इस्लामिया इंटर कॉलेज में चली पुलिस की पाठशाला,

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रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा 

एटा – थाना निधौली कलां क्षेत्र में डॉक्टर जाकिर हुसैन इस्लामिया इंटर कॉलेज में चली पुलिस की पाठशाला, एसएसपी एटा ने छात्र-छात्राओं को ऑपरेशन जागृति के विभिन्न मुद्दों पर वक्तव्य दे किया जागरूक।

ऑपरेशन जागृति अभियान के तहत आज दिनांक 12.07.2024 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा श्री राजेश कुमार सिंह द्वारा *थाना निधौली कलां क्षेत्र में डॉक्टर जाकिर हुसैन इस्लामिया इंटर कॉलेज में* पहुंच, स्कूली छात्र एवं छात्राओं को आज की युवा पीढ़ी द्वारा किशोरावस्था में घर से चले जाने *(इलोपमेंट)* के सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से होने वाले नुकसानों के बारे में विस्तार से बताया गया साथ ही *सोशल मीडिया के सुरक्षित प्रयोग, साइबर बुलिंग, साइबर फ्रॉड* जैसे मुद्दों पर भी प्रकाश डालते हुए बताया गया कि सोशल मीडिया का उपयोग करते समय सुरक्षित रहने के लिए किशोर-किशोरियों को निम्न बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, उन्हें मजूबत पासवर्ड बनाना चाहिए, किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते समय अपने आपको सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। प्राइवेसी का ध्यान रखें, आपत्तिजनक पोस्ट को रिपोर्ट करें, थर्ड पार्टी ऐप का इस्तेमाल न करें। कार्यक्रम के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक एटा श्री धनंजय सिंह कुशवाहा द्वारा भी अपना वक्तव्य दिया गया। तदोपरांत छात्र छात्राओं से प्रश्न पूछते हुए उनका फीडबैक लिया गया। इस मौके पर क्षेत्राधिकारी सकीट श्री संजय सिंह, स्थानीय पुलिस बल सहित स्कूल स्टाफ आदि लोग मौजूद रहे।
अभियान के दौरान बताया गया है अक्सर पारिवारिक विवाद / पारस्परिक भूमि विवाद का यथोचित समाधान नहीं दिखने पर अपराधिक घटनाओं में महिला सम्बन्धी अपराधों को जोड़ने की प्रवृत्ति भी सामाजिक रूप से देखने को मिल रही है। संक्षेप में कई अन्य प्रकरणों में ऐसी घटनायें दर्ज करा दी जाती हैं, जिनको बाद महिला एवं बालिकाओं संबन्धी अपराधों की श्रेणी में परिवर्तित कर दिया जाता है। जबकि मूलतः यह पारिवारिक और भूमि विवाद संबन्धी होती है।
दूसरी ओर वास्तविक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध जो अपराध होते हैं, उनमें दुष्कर्म, शीलभंग जैसे संगीन मामलों में प्रताड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं की मनोस्थिति काफी हद तक प्रभावित होती है और पीड़िता के जीवन में उस घटना का ट्रॉमा और भय सदैव के लिए बस जाता है। उक्त मानसिक आघात से उभरने के लिए पीड़िता को मनोवैज्ञानिक परामर्श की भी आवश्यकता होती है।
एक अन्य प्रकार का ट्रेंड जो सामने आ रहा है, उसमें नाबालिग बालिकाएं लव अफेयर, इलोपमेंट, लिव इन रिलेशनशिप जैसे सेनेरियो में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है। कई बार बालिकायें अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है। साथ ही साथ बदनामी के भय से ऐसा संत्रास झेलना पड़ता है, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती है। परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाए अपनी बात कह नहीं पाती है। इसके अतिरिक्त आज तकनीक के दुरूपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे है। इन सभी परिस्थितियों में सामाजिक जागरूकता, संवाद शिक्षा और परामर्श की बेहद आवश्यकता है ताकि महिलायें एवं बालिकायें इस प्रकार के षड़यंत्रों का शिकार न बने भावनाओं में बहकर अपना जीवन बर्बाद न करें, यदि उनके साथ किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो वह सच बोलने की हिम्मत रख पाये और विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उनको परामर्श/सहयोग और पुनर्वास का मौका मिल सके।
इसी क्रम में महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त एवं जागरूक बनाने हेतु जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में ऑपरेशन जागृति अभियान चलाया गया।

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