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नगर में अवैध रुप से चल रही कबाड़ की दुकानें भारी पैमाने पर जीएसटी कर की कर रहे हैं चोरी

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रिपोर्ट: सत्यदेव पांडे ( ब्यूरो चीफ- सोनभद्र)

चोपन / सोनभद्र– थाना क्षेत्र के वाराणसी शक्ति नगर मार्ग पर नगर पंचायत क्षेत्र में पुलिस व सेल टैक्स की शह पर लगभग आधा दर्जन अवैध कबाड़ की दुकानें बिना रोकटोक के संचालित हो रही हैं साथ में इन कार्यों द्वारा जीएसटी कर की चोरी भारी पैमाने पर किया जा रहा है और साथ में नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में आये दिन छोटी बड़ी चोरियां आम बात हो गई है वहीं प्रीतनगर मे मोटर गैरेज ट्रांस पोर्ट होने की वजह से सड़क पर बड़े एवं छोटे वाहन हर समय खड़ें रहतें हैं ऐसे में चोर दुकानों के साथ साथ वाहनों पर नगर में अवैध रुप से चल रही कबाड़ की दुकानें लोगों मे रोष व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चोपन बैरियर से लेकर प्रीतनगर के बीच लगभग आधा दर्जन अवैध कबाड़ के दुकान बेखौफ संचालित हो रही हैं सुत्रों की माने तो इन कबाड़ के कारोबार में लिप्त लोग पुलिस के व सेल्स टैक्स की शह पर ही फलफूल रहे हैं और एक निश्चित नजराना भी बाकायदे हर महीने पेश करतें हैं जिसके चलते ये बेखौफ होकर अवैध कबाड़ के खरिद फरोख्त का कार्य कर रहे हैं बताया जाता है कि डाला ओबरा आदि स्थानो से किमती तार,मोटर पार्ट्स, सायकिल, लोहा आदि चोरों द्वारा लाकर बड़े ही आराम से इन कबाड़ के दुकानो पर बेच दिया जाता है खासकर हेरोइन जैसे घातक मादक पदार्थ के सेवन करने वाले लोगों के लिए ये कबाड़ के अवैध कारोबार चलाने वाले बहुत ही फायदेमंद साबित होतें है बताया जाता कि नशेड़ी अपने नशा की भूख मिटाने के लिए पैसे की आभाव में आये दिन चोरी के घटना को अंजाम देतें रहते हैं और किमती सामानों को भी कम दाम में ही बेच कर अपनी नशा को तृप्त करतें हैं और बड़े ही आराम से ये अवैध कबाड़ के दुकानदार एक का दस बना कर अवैध रूप से धनार्जन कर रहे हैं॥ जबकि कबाड़ के दुकानों का नियम है कि वहां केवल खरीद फरोख्त की गई समान ही बिकेंगे जहां जरुरत पड़ने पर पर्ची व बिक्रेता उपलब्ध हो सके।लेकिन रात के अंधेरे में ट्रकों पर कबाड़ लोडिंग के उपरांत जीएसटी अन्य जगहों का लगा कर भारी पैमाने पर जीएसटी कर की कर रहे हैं अब देखना यह होगा कि स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन इन अबैध कबाड़ीयो पर लगाम कब लगाती हैं। साथी चोपन में रेलवे की भी चोरी भारी मात्रा पर शुरू हो गई है रेल प्रशासन मूक दर्शक बनी हुई है इससे यह महसूस होता है कि रेल प्रशासन की मिली भगत से यह चोरियां हो रही है इसलिए प्रशासन इस पर अपना ध्यान आकर्षित नहीं कर रहा है चोपन की रेलवे की चोरी कब बंद होगी इसका हाल भगवान ही जाने।

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