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भाजपा में उमंग और विपक्ष में निराशा, लोकसभा चुनाव 2024 किसका पलड़ा भारी – क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट

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रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा (एटा)

  • लोकसभा चुनाव में जीत हार के रुझान आते ही किसी की बुद्धि सटकी, किसी की आत्मा भटकी, किसी की सांसे अटकी, किसी की आस्था चटकी
  • फिर फूटने लगा ईवीएम के सिर पर गड़बड़ी का ठीकरा – खिसियानी बिल्ली खम्मा नोचने पर उतारू- निशाने पर मीडिया
    तीसरी बार मोदी का पदार्पण संसद के सिंहासन की ओर

एटा। लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण का मतदान संपन्न होते ही तमाम टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में भाजपा व विपक्ष के गठबंधन से संबंधित हार जीत का अनुमान खुलासा होना शुरू हो गया है। एग्जिट पोल अपने-अपने सूत्रों के हवाले से केंद्र में एक बार फिर तिबारा से मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता संभालने के दावे करने लगे हैं। विपक्ष ने भी एग्जिट पोल के दावों की हवा निकालने के इरादे से ईवीएम के सिर पर हार जीत का ठीकरा फोढ़ना शुरू कर दिया है। और मीडिया पर निशाना साधते हुए मीडिया का नया नामकरण कर “गोदी मीडिया” का खेल जीत हार में प्रमुख बताया जा रहा है।

अलार्म इण्डिया न्यूज द्वारा देश भर में कराए गए सर्वे के अनुसार जो विपक्षी दलों का गठबंधन अबकी बार चुनाव में मोदी को धूल चटाने के मंसूबे पाले हुए था, असलियत की सुगबुगाहट का पता चलते ही वही विपक्ष अब सर्मिन्दगी की वजह से बिल्ली को देखते ही चूहे की तरह छुपने के लिए जमीन में अंदर जगह तलाशते हुए दिख रहा है। आखिरी मतदान से पूर्व विपक्षी गठबंधन योगी महाराज की राजधानी के इलाका उत्तर प्रदेश में भाजपा की बहुत कम सीटे आने के संकेत से खुशी में नाच रहा था, उसका यह ख्वाब अब शेखचिल्ली के सपनों की तरह धूल-धूसरित होता हुआ नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के अंदर मोदी – योगी की जोड़ी का जादू अधिकांश मतदाताओं के सर पर चढ़कर बोला है। इस इलाके में श्री राम मंदिर का निर्माण और भू माफियाओं पर बाबा का बुलडोजर, बाहुबली, आतंकवादी, गुंडा मावलियों, अवैध वसूली करने वालों, बहन बेटियों से छेड़छाड़ करने वालों का बाबा द्वारा अगले चौराहे पर राम नाम सत्य कर देने वाला कानून लोगों ने बहुत पसंद किया है।और उसी के प्रतिफल दंगा रहित व्यवस्था से खुश होकर आम मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में भारी मतदान कर यूपी से पीएम का रास्ता सुखद बताने का कार्य करके विपक्षियों का बिस्तर लगभग गोल कर दिया है।

केंद्र सरकार के मुखिया मोदी राज में ही कश्मीर से धारा 370,35ए लागू कराना व तीन तलाक जैसे कि उत्तम नियम को पूरी तरह खारिज कर देना तथा देश की राजधानी से मुगलकालीन गुलामी के प्रतीक नाम से प्रचलित संपर्क मार्गों के नाम बदलकर भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का निर्णय, मातृ शक्ति की पूर्ण सुरक्षा का कानून बनाना, नई संसद का निर्माण कराना, विदेश नीति में मील का पत्थर बनकर पूरे विश्व में भारत की धाक जमाना, दुश्मन देश के घर में घुसकर आतंक का सफाया करना, देश के करोड़ों किसानों को किसान सम्मान निधि प्रदान कर उनकी आर्थिक मदद करना, गरीब महिलाओं को करोड़ों गैस सिलेंडर, गैस के चूल्हे तथा गैस निशुल्क उपलब्ध कराना, सैकड़ों मेडिकल कॉलेजो का निर्माण करा कर छात्र हित में उच्च शिक्षा का बंदोबस्त करते हुए लाखों किलोमीटर लम्बे तमाम हाईवे बनाना, भ्रष्टाचार में डूबे हजारों घोटालेबाज लोगों के घर में ईडी द्वारा लाखों करोड़ रुपया बरामद कराना, गरीबों को मुफ्त आवास, राशन और मुफ्त उपचार हेतु आयुष्मान कार्ड बनवाने सहित अन्य सैकड़ो योजनाओं को आम जनमानस द्वारा बहुत पसंद किया गया। इसी का नतीजा है कि जनता ने विपक्षियों के भाषण तो सुने लेकिन सत्ता सुख से इस बार भी उसे वंचित ही रखा है। तमाम घोटालेबाज बड़े-बड़े राजनेताओं, मुख्यमंत्री अन्य घोटालेबाजों को जेल भिजवाकर अनूठा जनहितकारी साहसी उदाहरण पेश किया गया, जो इस चुनाव में भाजपा की जीत का मूल मंत्र साबित होने जा रहा है।

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