Search
Close this search box.

शहर की सड़कें तीसरा चुनाव आने के बाद तक धूल फांक रही है

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

एटा से निशा कांत शर्मा की विशेष रिपोर्ट
एटा-शहर की सड़कें तीसरा चुनाव आने के बाद तक धूल फांक रही है काम के नाम पर नेताजियों के स्वागत में सड़कों के जख्म भर दिए जाते हैं ताकि नेताओं का काफिला या लग्जरी गाड़ियों को कोई चोट न पहुंचे–
एटा शहर की सड़कों का जब इतना अच्छा हाल है तो मुहल्ले वाली पब्लिक क्या कह सकती है जो हर दस कदम पर अपने पराए का अनुभव कराती है उसी हाल में दिखाई देती है जैसे टूटे इंसान की आधी हड्डियों पर प्लास्टर और आधी पर जख्म और चीखती चोटों के टुकड़े– और जो भी सड़कें टुकड़ों में खानापूर्ति के नाम पर बन भी रही है उसमे लगने बाला मैटेरियल छह महीने के अंदर अपनी क्वालिटी दिखाने लगेगा बन रहा रेलवे रोड का एक छोटा सा टुकड़ा पब्लिक ने बहुत मांग की तब तो शुरू हुआ और होली से पहले का यह छोटा का कार्य अभी तक आधा भी नहीं बन पाया है शहर की व्यस्ततम रोड का इतना बुरा हाल है कि पब्लिक का निकलना दुश्वार हो रहा है अगर चाहते कि इस रोड का सही निर्माण होता तो इस रोड का और भी अच्छा चौड़ीकरण हो सकता था दोनों तरफ से काफी जगह खाली पड़ी है बो भी सड़क ऊंची और खाली हिस्सा दोनों तरफ का काफी नीचा है जिससे अक्सर पब्लिक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा रोड पर हर दुकान बाला कहता सुना जा रहा है इतनी लेट लपेटी के बाद भी इस सड़क के निर्माण में लोहे का काम नाम मात्र का हो रहा है जो भारी वाहन चलते ही उधड़ जाएगी।

Leave a Comment

और पढ़ें