NEWS BMF के लिए झारखंड धनबाद से कैमरा मैन राज कुमार शर्मा के साथ ब्यूरो चीफ प्रेम प्रकाश शर्मा की रिपोर्ट।
सिन्दरी, धनबाद। शनिवार 12 अक्टूबर को गायत्री ज्ञान मंदिर सिंदरी के प्रांगण में दुर्गा पूजा उत्सव में हवन यज्ञ, अत्यंत भक्तिमय परिवेश में संपन्न हुआ।
दूर्गा पूजा भारतीय संस्कृति का एक महत्व पूर्ण उत्सव है। दुर्गा पूजा, जिसे नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है, भारत के सबसे बड़े और प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। यह उत्सव मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, जिन्हें शक्ति और समर्पण की देवी माना जाता है। गायत्री ज्ञान मंदिर सिंदरी में हरेक वर्ष दूर्गा पूजा में नवरात्रि पर्व के शुभ अवसर पर गायत्री परिवार एवं आसपास की बहन भाई नवरात्रि पर्व के प्रथम दिन सामुहिक कलश स्थापना में सम्मिलित होकर प्रतिदिन मंत्र जाप पूरा कर, नवमी के दिन हवन यज्ञ में सम्मिलित होकर यज्ञ देव को आहुतियां देकर पूर्णाहुति करती है एवं कुंवारी कन्याओं को भोग प्रसाद खिलाकर अपने भी जल प्रसाद ग्रहण करती है।
दुर्गा पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, कला, और परंपराओं का जीवंत उदाहरण है। इस दौरान मां दुर्गा की मूर्ति आसपास के क्षेत्रो में बैठाया जाता है,पूजा अर्चना धूमधाम से मनाया जाता है।भक्त जन श्रद्धा भक्ति भाव के साथ मां की पूजा करते हैं। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
डांडिया नृत्य इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह नृत्य मुख्य रूप से गायत्री मंदिर में पहली बार मनाया गया, इसे नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से किया जाता है।
गायत्री मंदिर सिन्दरी में सैकड़ों माताएं भाई बहन नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना में एकत्रित हो सामुहिक मंत्र जाप का संकल्प लिया,प्रति दिन सभी के उज्जवल भविष्य के लिए हवन यज्ञ किया जाता है। मंदिर के प्रांगण में आयोजित गरबा महोत्सव, डांडिया नृत्य दिनांक . 5 / 6 शुक्रवार, शनिवार को संध्या छः बजे से मनाया गया, भाग लेने वाले गायत्री परिवार, साई परिवार, नारी सेवा की बहनें एवं बीआईटी के छात्र छात्राओं ने व अन्य गणमान्य भाई बहनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था , मुख्य रूप से उपस्थित बी.डी.राज कुमार जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर मां दुर्गा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए, साथ ही उपस्थित भाई बहनों ने भी पुष्प चढ़ाएं, सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भाई बहन बच्चों ने हवन यज्ञ में सम्मिलित होकर यज्ञ को सफल बनाएं। नवमी की पूजा अर्चना वैदिक मंत्रोच्चार के साथ एस.पी.साह,एस.राय भैया ने की, भजन कीर्तन रेखा दी, शांति दीदी ने किया , गुरुदेव की सुक्ष्म संरक्षण में भक्ति मय परिवेश पूजा सम्पन्न हुआ।