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सावधान – सावधान – सावधान भारतीय मीडिया फाउंडेशन के समस्त साथियों के लिए एक आवश्यक निर्देश

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रिपोर्ट: एके बिन्दुसार (चीफ एडिटर- BMF NEWS NETWORK)

*राष्ट्रीय चेयरमैन , राष्ट्रीय डिप्टी चेयरमैन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय जनरल असेंबली के केंद्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय अनुशासन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय पॉलिसी मेकिंग सुप्रीम कमेटी के केंद्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय सलाहकार परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष , राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं केन्द्रीय मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी के केंद्रीय अध्यक्ष के मोबाइल नंबर द्वारा बनाए गए ग्रुप ही वैधानिक है।*

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भारतीय मीडिया फाउंडेशन नई दिल्ली राष्ट्रीय कार्यालय से जारी दिशा निर्देशों पर आप सभी मीडिया अधिकारी कृपया विशेष ध्यान देने का कष्ट करें।
कई ऐसे सदस्यों के द्वारा बिना अनुमति का व्हाट्सएप ग्रुप भारतीय मीडिया फाउंडेशन एवं BMF न्यूज़ नेटवर्क के नाम से संचालित किया जा रहा है जो अवैध रूप से है।
आपको अवगत कराना है कि ऐसे ग्रुपों से आप रिमूव होने का कष्ट करें।
ऊपर दिए गए मीडिया अधिकारी एवं पदाधिकारी के मोबाइल नंबर से ग्रुप क्रिएट होने पर ही वैधानिक रूप से स्वीकार किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने से पहले केंद्रीय मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी से अनुमति लेना अनिवार्य है।
वर्तमान समय में भारतीय मीडिया फाउंडेशन की सभी जनरल ग्रुप ऑफिशियल ग्रुप एवं न्यूज़ ग्रुप का संशोधन किया जा रहा है।
उपरोक्त सभी ग्रुपों को केंद्रीय मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी के हेल्पलाइन नंबर से संचालित किया जाएगा।
किसी भी मीडिया अधिकारी एवं पदाधिकारी अथवा सदस्य के द्वारा नियम का उल्लंघन करने पर उचित कार्रवाई हो सकती हैं इसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे भारतीय मीडिया फाउंडेशन इसका जिम्मेदार नहीं होगा।
किसी भी संगठन के सोशल मीडिया ग्रुप का दुरुपयोग करने पर विभिन्न प्रकार की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है,,,,,,,,,
*सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव*

सोशल मीडिया साइबर- बुलिंग को बढ़ावा देता है। यह फेक न्यूज़ और हेट स्पीच फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोशल मीडिया पर गोपनीयता की कमी होती है और कई बार आपका निजी डेटा चोरी होने का खतरा रहता है। साइबर अपराधों जैसे- हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ जाता है।

*कानून:* आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (सी), धारा 66, आईपीसी की धारा 268, देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के लिए फैलाए गए वायरसों पर साइबर आतंकवाद से जुड़ी धारा 66 (एफ) भी लागू (गैर-जमानती)।
*सजा*: साइबर-वॉर और साइबर आतंकवाद से जुड़े मामलों में उम्र कैद। दूसरे मामलों में तीन साल तक की जेल या जुर्माना।
आईटी एक्ट की धारा 66 a
ऐसे संदेशों के स्रोत आदि के बारे में प्राप्तकर्ता को धोखा देने या गुमराह करने के इरादे से कोई संदेश भेजने पर तीन वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दण्ड़नीय होगा।
अगर आप किसी की इजाजत के बिना उसका मोबाइल कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो आपके खिलाफ आईटी एक्ट-2000 की धारा 72 के तहत करवाई की जा सकती है। भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में हर व्यक्ति के पास निजता का अधिकार है।
धारा 65 कंप्यूटर स्रोत दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ – सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कार्रवाई का प्रावधान है।

*आई टी एक्ट की धारा 67*

जुर्माने के साथ साथ 3 सालों तक सज़ा जो बढ़ाया भी जा सकता है।
आई पी सी की धारा 153 A, 153 B, 292, 295 A और 499 के तहत सोशल मीडिया और किसी व्यक्ति को अपमान जनक सन्देश और उसके ख़िलाफ़ ग़लत कमेंट करने पर सजा का प्रावधान है।
आप सभी साथियों से ऐसी स्थिति में आग्रह है कि आप सावधानी बरतें जिससे भविष्य में आपको किसी भी प्रकार से असुविधा उत्पन्न न हो।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन संचालित करने एवं संगठन से जुड़े हुए मीडिया अधिकारी एवं पदाधिकारी तथा सदस्यों के सुरक्षा एवं उनके संवैधानिक अधिकारों को दिलाने के उद्देश्य से
यह निर्देश जारी किया गया है।
आप सभी साथी नियमों का पालन करते हुए संगठन को मजबूत करें एवं भारतीय मीडिया फाउंडेशन के उद्देश्यों कार्यक्रमों एवं संकल्प को पूरा करने में आप अपने सक्रिय भूमिका निभाने का कार्य करें।

*जय हिन्द*
भारतीय मीडिया फाउंडेशन में आपका क्या पद है क्या आपका आई कार्ड नियुक्ति पत्र का नवीनीकरण हो गया है नहीं तो तत्काल संपर्क करें।

* *एके बिंदुसार* •
संस्थापक एवं केन्द्रीय अध्यक्ष
केंद्रीय मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी
भारतीय मीडिया फाउंडेशन

केंद्रीय कार्यालय- H3 ब्लॉक, 39C, लास्ट फ्लोर, बंगाली कॉलोनी महावीर एंक्लेव नई दिल्ली- 110045
Helpline-7275850466,
8176850466,9721212162,9792049718,8130919442,
Gmail– bmf3597@gmail.com, bmfdelhi200@gmail.com

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