रिपोर्ट: राजेश कुमार शास्त्री (सिद्धार्थनगर)
- अर्थात हनुमान ने सोने की लंका को जला दिया
सिद्धार्थनगर । डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के ग्राम चौखड़ा स्थित रामलीला मैदान में चल रहे रामलीला कार्यक्रम में गत रात्रि दिखाया गया कि रावण नें हनुमान जी के पूछ में आग लगाने का आदेश देते हुए कहा कि *कपि के ममता पूंछ पर सबहिं कहहुं समुझाई । तेल बोरि पट बॉंधि पुनि पावक देहु लगाई।।* इतना सुनते ही राक्षसों ने पूंछ में आग लगा दी तत्पश्चात हनुमान जी ने सोने की लंका को जला दिया। रामलीला कार्यक्रम में दिखाया गया की सीता हरण के बाद राम और लक्ष्मण शबरी आश्रम पहुंचते हैं जहां शबरी उन्हें ऋषि मुख पर्वतपर सुग्रीव से मिलने के लिए कहती है राम और लक्ष्मण वहां पहुंचते हैं हनुमान जी ले जाकर उन्हें सुग्रीव से मिलते हैं सुग्रीव से राम की मित्रता होती है रामचंद्र जी सुग्रीव से उदासी का कारण पूछते हैं तब सुग्रीव कहता है कि उसके भाई बालि उसे मारपीट कर भगा दिया है तथा पत्नी भी छीन ली है रामचंद्र जी सुग्रीव के पूरी बात बताने पर क्रोधित होकर लड़ने के लिए भेजते हैंबालिसुग्रीव को मारता है तब तक रामचंद जी अपने तीर से बालि को मार देते हैं बालि बेटे अंगद का हाथ भगवान श्री राम के हाथों में पकड़ कर परलोक चला जाता है लक्ष्मण जी सुग्रीव को राजा तथा अंगद को युवराज बनाते हैं पर्वत पर राम और लक्ष्मण वर्षा ऋतु में रहते हैं वर्षा ऋतु बीत जाती है ।भगवान राम को काफी चिंता होती है तो वह लक्ष्मण को पंपापुर भेजते हैं जहां से सुग्रीव हनुमान जी के साथ पर्वत पर पहुंचते हैं तमाम बंदर दल भी रहते हैं वानर दलों को चारों दिशाओं में भेजा जाता है दक्षिण दिशा में हनुमान जी के साथ जामवंत ,अंगद सब जाने को तैयार होते हैं । रामचंद्र जी हनुमान जी को मुदरी देते हैं कहते हैं कि इसको सीता को दे देना हनुमान जी, अंगद, जामवंत सब लोग आगे बढ़ते हैं की गिद्धराज संपति से उनकी मुलाकात होती है संपति पूरी बात बताकर चला जाता है समुद्र के किनारे सब लोग पहुंच जाते हैं जहां से हनुमान जी छलांग मार कर लंका की तरफ चलते हैं कि नागों की माता सुरसा उनका परीक्षा लेने आती है बाद में आशीर्वाद देकर चली जाती है हनुमान जी लंका पहुंचते हैं जहां लंकनी नाम की राक्षसीउन्हें रो कती है , हनुमान जी उसे मार देते हैं लंकनी कहती है कि जब रावण को ब्रह्मा जी ने वरदान दिया था तब उन्होंने कहा था कि अगर किसी बंदर के हाथ तुम्हारे शरीर पर पड़ेंगे तो समझ लेना की राक्षसों का अंत आ गया है हनुमान जी लंका में विभीषण से मिलते हैं विभीषण की उन्हें सारी बात बताते हैं हनुमान जी अशोक वाटिका में पहुंचते हैं जहां सीता जी हैं ,तब तक रावण पहुंच जाता है रावण सीता जी पर क्रोधित होता है तथा रक्षासियों से सताने को कहता है। हनुमान जी सीता जी के आंचल में मुदरी गिरा देते हैं सीता जी चौक जाती हैं कि कहीं यह माया तो नहीं है तब हनुमान जी उनके सामने प्रकट होते हैं और सारी बात को बताते हैं हनुमान जी अशोक वाटिका में फलों से फलों को खाने के लिए सीता जी से कहते हैंसीता जी उन्हें आज्ञा दे देती हैं हनुमान जी अशोक वाटिका उजाड़ देते हैं यह सूचना जब रावण को मिलती है तो वह अपने पुत्र अक्षय कुमार को भेजता है अक्षय कुमार हनुमान जी के हाथों मारा जाता है रावण क्रोधित होकर मेघनाथ को भेजता है मेघनाथ हनुमान जी को ब्रह्म पास में बांधकर रावण के पास ले जाता है पहले तो रावण क्रोधित होता है लेकिन विभीषण जी के समझाने के बाद वह हनुमान जी के पूछ में आग लगाने की आज्ञा देता है राक्षसों द्वारा हनुमान जी के पुंछ में आग लगाया जाता है आग लगते ही हनुमान जी भारी भरकम शरीर कर पूरे सोने की लंका को जला देते हैं इस अवसर पर सांसद जगदंबिका पाल के अलावा जयवर्धन तिवारी, बबलू सिंह, रमाकांत त्रिपाठी, अरुण कुमार सिंह ,मंगल हलवाई ,अंतरिक्ष प्रताप सिंह, अंश मान सिंह,धीरू,विनोद ,कुलदीप ,जयशंकर मिश्रा, परमेश्वर गुप्ता , धनेशयादव ,बजरंगमिश्रा ,भारतयादव ,गोपाल ,शिवम ,गुड्डू यादव ,मुन्ना गुप्ता ,रामू गुप्ता, विशाल,डॉक्टर प्रदीप कुमार, अर्जुन अर्कवंशी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन ठाकुर प्रसाद मिश्र ने किया