मुस्लिमों को बटोगे तो कटोगे जैसे बयानों से डरने की जरूरत नहीं :मुहम्मद आफ़ाक़
समाचार संपादक दिलीप सिंह
लखनऊ। राष्ट्रीय सामाजिक कार्य कर्ता संगठन के संयोजक मुहम्मद आफ़ाक़ ने कहा कि आज कुछ सांप्रदायिक ताकतें अपनी गलतबयानी के जरिए हमारे देश की शांति और सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रही हैं।
बटोगे तो कटोगे जैसे बयानों से मुसलमानों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये शब्द मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, हर कमजोर वर्ग के लिए दिए जा रहे हैं ताकि उन्हें उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण न मिल सके।
उन्होंने कहा कि केवल मुसलमानों को ही नहीं, बल्कि संविधान में विश्वास करने वाले हर भारतीय को, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, अपनी एकता और शांति बनाए रखते हुए इन जुमलों का जवाब देना चाहिए।
हम न कभी बंटे थे और न कभी बंटेंगे, लेकिन इतिहास गवाह है कि देश की आजादी के लिए हम जरूर कटे और अब भी हिंदुस्तान की शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं और अब भी कटते हैं . उन्होंने कहा कि अगर हमारा देश बंट गया होता तो हमें अंग्रेजों से आजादी नहीं मिलती.
अंत में मोहम्मद आफ़ाक़ ने कहा कि मुसलमानों पर पहले से ही धार्मिक प्रतिबंध लगाए गए हैं, क्योंकि आजादी से पहले और बाद में दलित, पिछड़े, आदिवासी और कमजोर लोगों ने ऊंची जाति के लोगों से परेशान हो कर अपना धर्म बदल लिया और दूसरे धर्म अपनाने लगे. आरक्षण के बहाने दलितों को रोका गया ताकि वे अपना धर्म न बदलें.