रिपोर्ट – एम के मिश्रा (प्रबंध संपादक -बीएमएफ न्यूज़ नेटवर्क)
बृजभूषण शरण सिंह इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन में ‘चतुर्थ माई’ भोजपुरी महोत्सव बौद्धिक सत्र कवि सम्मेलन मैथिली ठाकुर संग सांस्कृतिक कार्यक्रमो से सजा रंगमंच दिव्यता एवं अलौकिक शक्ति से भरपूर अपने किरणें बिखेरती माई महोत्सव जनता को किया मंत्रमुग्ध…
चतुर्थ माई भोजपुरी महोत्सव में लोगों का उमड़ा जनसैलाब मुख्य विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह एवं वर्तमान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू भी उपस्थित रहे।

प्रयागराज – प्रयागराज जैसा कि आपको पता होगा कि बीते 19 अक्टूबर को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन में आयोजित चतुर्थ माई भोजपुरी महोत्सव में लोगों के जन सैलाब की साथ-साथ मुख्य अतिथि बहस करती है तमाम लोगों का जमावड़ा रंगमंच पर देखनें को मिला।
पूर्व सांसद गद्दावर भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के मंच पर पहुंचते ही लोगों को जमावड़ा हुजूम लगने लगा अभी उनसे मिलने देखने के लिए जनता बेचैन हो उठी मंच का संचालन कर्ता करे मशहूर कवि “लपेटे में नेताजी” कार्यक्रम के जाने-माने कवि मंच संचालक श्लेष गौतम के हाथों में थी।
कायक्रम संयोजक अजीत सिंह एवं अजीत विक्रम सिंह मुख्य अतिथियों का सम्मान माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम को आगे आगे बढ़ाया।

इसमें बृजभूषण शरण सिंह खुद मंच को संबोधित किया और लोगो ने “दबदबा था दबदबा है दबदबा बना रहेगा” का नारा लगाना शुरू कर दिया मंच को संबोधित करते हुए बृजभूषण शरण सिंह बहुत अच्छी तरीके से जनता को संभाला लोगों को सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफल बनाने एवं उसको पूर्ण करने के लिए जनता को शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए कहा।
भोजपुरी भाषा को लेकर क्या कुछ बोले बृजभूषण शरण सिंह
भोजपुरी भाषा को लेकर माई महोत्सव अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चतुर्थ माई महोत्सव का मुख्य उद्देश्य भोजपुरी भाषा को संविधान के ‘आठवी अनुसूची’ में शामिल करवाना एवं भोजपुरी को भी राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाना है।

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा जो अपने माई भाषा मिट्टी से लगाव छोड़ देता है फिर उसे कोई नहीं पूछता। इतने बड़े गद्दावर नेता का आना भोजपुरी भाषा को लिए हम लोगों के गीत के लिए बिता अगर मैं बड़े गद्दार नेता समर्थन में आते हैं तो वाकई हो सकता है कहीं न कहीं भोजपुरी भाषा को और सम्मान आने वाले समय में अवश्य से मिले और इस आन्दोलन को बल मिले।
फिर मंच का संचालन मशहूर कवि मनोज भावुक के हाथ में आयी उन्होंने मंच अच्छे से संचालित करते हुए मंच पर लोगों को सम्मानित भी किया जा रहा था फिर माई महोत्सव के मुख्य बिंदु पर भी चर्चा परिचर्चा सुरू हुई।
- बौद्धिक सत्र एवं कवि सम्मेलन।
बौद्धिक सत्र में विशेष विभुतियों को बुलाया गया जो भोजपुरी भाषा को लेकर काफी समय से आंदोलन रत है देश से विदेश तक प्रचारक विचारक एवं प्रेरक की भुमिका अदा कर रहे हैं बौद्धिक सत्र में सहभागिता कर रहे लोग।

डॉ बृजभूषण मिश्र, आसिफ़ आज़मी, श्री केशव मोहन पांडेय, डा गुरु चरण सिंह, डा जयकांत सिंह जय, डा पृथ्वीराज सिंह, डॉ राणा अवधूत कुमार, डॉ संतोष पटेल इत्यादि लोग मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि प्रयागराज फूलपुर सांसद प्रवीण पटेल एवं पूर्व मंत्री डॉक्टर स्वाति सिंह उत्तर प्रदेश सरकार भी बौद्धिक कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।
बौद्धिक सत्र में भोजपुरी भाषा को लेकर चर्चाएं आपस में और वहां पर उपस्थित आमजन सबसे चर्चाएं हूई भोजपुरी भाषा को भोजपुरी भाषी व्यक्तियों को यह भी बताया गया कि अगर आपने भाषा से प्रेम नहीं करेंगे तो फिर आपको सम्मान और आदर कहां से मिलेगा जब आप खुद अपनी भाषा अपने समाज का आदर नहीं करेंगे यहां तक की मॉरीशस एवं अन्य देश में भोजपुरी को राष्ट्रीय भाषा का सम्मान प्राप्त हुआ है।




लेकिन वही लड़ाई भारत में जहां पर इस भाषा की उत्पत्ति और जहां पर सबसे ज्यादा लोग रहते हैं वहीं पर इसका सम्मान और इस सम्मान देने के लिए किसी भी नेता उतने दिलचस्पी नहीं ले रहे माने तो इसे टालते जा रहे हैं।
माई महोत्सव लोगों समावेश एवं समायोजन इसलिए था की भोजपुरी भाषियो का दर्द एवं उसके विचारों को सुना जाए और संसद में इसके लिए एक बड़ी मांग उठे और इसे भी वह सम्मान दर्जा प्राप्त हो और इसे भी आवश्यक मुख्य धारा में लाया जाए।
सत्र में उपस्थित सम्मानित लोगों ने यह भी कहा की भोजपुरी भाषा को हम सबको भी अपने भोजपुरिया समाज से बोलना चाहिए अगर कहीं पर भी हमारा भोजपुरिया समाज भोजपुरिया भाई बंधु मिले उनसे उसी भाषा में बात किया जाए।
हम अपने भाषा को कलंकित न करें और यह न सोचे कि अगर हम भोजपुरी बोलते हैं तो हम छोटे और निम्न एवं पिछड़े लोग हैं क्योंकि इस माई महोत्सव का उद्देश्य यही है की अपने मात्रि भाषा से प्रेम अपने सभ्यता से प्रेम अपने संस्कृति से प्रेम अपने आदर्शों एवं संस्कारों से प्रेम लगाव लोगों को नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि यही हमें पहचान और उपलब्धि दिलाता है और विशेष बनाता है।

यह भी कहा गया कि आज की युवा वीडियो में उतनी जागरूकता नहीं वह खुद भोजपुरी बोलने से कतराते हैं अपने को तुझ एवं निम्न समझते हैं जो कि यह बेहद गंभीर विषय है क्योंकि हर भोजपुरी भाषी व्यक्तियों को अपने भाषा को कलंकित करने का पाप नहीं लेना चाहिए अपने भाषा की उपलब्धि और उसे वह अधिकार तभी मिल सकता है जब हम अपने बच्चों को भी अपने भाषा में बोलने को प्रेरित करें क्योंकि हमारी जननी भाषा यही है और ना हमें किसी भाषा का विरोध है और ना किसी भाषा का विरोध करना है।
सबकी अपनी-अपनी मातृभाषा है अलग-अलग राज्यों में सबको उपाधि मिलनी चाहिए साथ भोजपुरी भाषा को भी और सम्मान एवं आधार संवैधानिक रूप से दर्जा प्राप्त होना चाहिए और यह तभी हो सकता है जब देश के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री चाहेंगे और सत्र में सभी चिंतक विचारक लोगों ने अपनी बातों को भाजपा के वर्तमान सांसद फूलपुर प्रवीण पटेल को भी यह संदेश दिया आग्रह किया कि इस आप संसद में रखें।
प्रयागराज फूलपुर सांसद प्रविण पटेल ने क्या कुछ कहा…
प्रयागराज फूलपुर सांसद प्रवीण पटेल ने कहा कि हम इस विषय बिंदु को आगामी नवंबर से शुरुआत हो रहे सत्र में संसद सत्र में अवश्य रखेंग। क्योंकि हम भी जिस क्षेत्र से आते हैं वहां पर भी अवधि एवं भोजपुरी भाषी लोग हैं और हम खुद भोजपुरी भी बोलते हैं अवधि भी बोलते हैं।
अब हम चाहेंगे कि भोजपुरी भाषा को यह सम्मान मिले मैं अपनी बातों को सदन में अवश्य रखूंगा और उन्होंने वहां पर उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को शुभकामनाएं भी दी।
पूर्व मंत्री डॉक्टर स्वाति सिंह ने क्या कुछ कहा..
पूर्व मंत्री रही डॉक्टर स्वाति सिंह ने मंच से बहुत कुछ कहा चतुर्थ माई महोत्सव को सफल बनाने के लिए सबको शुभकामनाएं दिया। इस माई महोत्सव से उस माई तक बात पहुंच गई जो आज के परिवेश में लोगों का नजरिया अन्य माताओं बहनों की सुरक्षा को लेकर पहुंची जो आज भी अंधेरे में है।



उन्होंने यह भी कहा की क्या सिर्फ राष्ट्रीय महिला दिवस पर ही सभी महिलाओं का सम्मान होगा या हर दिन उस माता बहन एवं बेटियों का सम्मान होगा जो उन्हें एक सभ्य समाज को देना चाहिए तभी वास्तविक रूप से महिला सशक्तिकरण का काम हो सकता है।
लोग उनकी बातों को गौर से सुना और पूरा सभागार उनके भाषण को मौन होकर सुन रहा था सभी ने उनकी बातों का समर्थन करते हुए इस बात को गंभीरता से लिया।
कवियों ने मंच को किया भावुक…
देश के अन्य अन्य हिस्सों से आए भोजपुरी भाषी कवियों ने महोत्सव में चार चांद लगा दिया और महोत्सव एक दिव्य रूप की तरफ बढ़ता गया वहां उपस्थित सभी कवियों ने अपनी अपनी कविताओं से जारी भोजपुरी भाषाओं का दर्द हम भोजपुरी भाषा को सम्मान मिलना चाहिए लोगों के बीच पहुंचाया लोगों का दिल जीता।
कवियों के नाम डा श्लेष गौतम, मनोज भावुक, संजीव कुमार त्यागी, देव कांत पाण्डेय, डॉ विनम्र सेन सिंह, इत्यादि हस्तियां शामिल रहीं।
3.सांस्कृतिक एवं लोक रंग कार्यक्रम…
सांस्कृतिक एवं लोक रंग का कार्यक्रम कार्यक्रम शुरुआत से ही चल रहा था जिसमें एक-एक भोजपुरी लोक गायक अपनी- अपनी प्रस्तुति दे रहे थे।
सुप्रसिद्ध कलाकार एवं गायक अपनी आवाज सबका दिल जीत लेने वाले गोपाल राय, मैथिली ठाकुर, रिशव ठाकुर, अयाची ठाकुर, सेजल ठाकुर, दीपक त्रिपाठी, अनन्या सिंह, मनोहर सिंह, चंदन तिवारी, हेमा पाण्डेय, करीना पाण्डेय, सविता पाण्डेय, अल्का सिंह पहाड़िया, पारुल नन्दा, निरज पाण्डेय, अनामिका त्रिपाठी, पार्थ एवं ईसान ( वत्स बन्धु) बन्धुओं ने अपनी प्रस्तुति दी।



जहां रंगमंच में शुरुआती दौर भोजपुरी के पितामह कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर जी के नाट्य रचना से की गई जिसने अपने रंग नॉट्य मंच से का लोगों का दिल जीता और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया।
फिर वह तीसरा चरण आया जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे सुप्रसिद्ध गायक अभिनेता गोपाल राय अपनी प्रस्तुति से लोगों को मन मुग्ध कर दिया और लोग उनके गानों को बार-बार सुनना चाहा लोक गायिका हेमा पांडे ने पूरे माहौल को यूं मशगूल कर दिया कि लोग उनके दीवाने बन गए वत्स बन्धु अल्का सिंह पहाड़िया, मनोहर सिंह, जितेंद्र तिवारी अमृत एवं अन्य धीरे-धीरे से सभी कलाकारों ने अपनी अपनी प्रस्तुति देते जा रहे थे।

भारत की बेटी विश्व प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर के आते मंच का माहौल बदल गया मंच मैथिली मिथिला मय हो गया गूंजने लगें जय जय श्री राम के नारे।
मैथिली ठाकुर को देखने के लिए सभागार में उपस्थित लोगों का जमावडा बढता जा रहा था सीटें कम पड़ गई लोग खड़े होकर मैथिली ठाकुर का प्रोग्राम को देखा और “आज मिथिला नगरिया निहाल सखियां” गाने पर जय-जय श्री सियाराम के नारे लगने लगे सबको अपनी मधुर आवाज़ से लोगों को आकर्षित एवं उनका दिल जीत लिया ।


मैथिली ने मंच को वह मुकाम दे दिया जो उसे चाहिए था और इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।
कार्यक्रम के दौर का आखिरी चरण तक का क्रम समापन में रहें अन्य सभी कलाकारों ने कार्यक्रम संयोजको का भी माल्यार्पण सम्मान करते हुए एक गीत की प्रस्तुति दी।