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वेतन बकाए को लेकर श्रमिकों का फूंटा आक्रोश

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रिपोर्ट सत्यदेव पांडे बीएमएफ ब्यूरो चीफ सोनभद्र

  • दुसान कंपनी में 4 महीने से बकाया वेतन को लेकर बढ़ने लगा है मजदूरों में आक्रोश
  • श्रमिक अधिकारों की अनदेखी के कारण आंदोलन की दी गई चेतावनी-

सोनभद्र।ओबरा थर्मल पॉवर के ओबरा सी परियोजना में कार्यरत टीएमसी कंपनी में श्रमिको का पिछले चार महीने से वेतन बकाया है। इसको लेकर आक्रोश पनपने लगा है। इस बारे में कई बार मजदूरों ने अपने नियोक्ता से संपर्क किया है, परंतु अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। ऐसे में इस आर्थिक संकट के कारण मजदूरों को अपने परिवार के भरण-पोषण में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष शिवदत्त दुबे बताते हैं कि जिनकी सभी मूलभूत आवश्यकताएं प्रभावित हो रही है। रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। भोजन, बच्चों की शिक्षा और चिकित्सा जैसी अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ हैं। श्रमिकों का शोषण चरम पर है। वेतन का बकाया समय से न होने के कारण श्रमिकों में मानसिक तनाव और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

जो हमारे कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि बहुत से श्रमिकों ने घर चलाने के लिए बैंकों से ऋण लिया हुआ है वेतन न मिलने के कारण उन्हें समय पर किस्त चुकाना संभव नहीं हो पा रहा, जिससे ब्याज का बोझ भी बढ़ रहा है। मजदूरों ने कहा कि हमने अब तक शांति और संयम के साथ अपने अधिकारों के लिए इंतजार किया, लेकिन हमारी समस्याओं की अनदेखी लगातार हो रही है।
अपनी इन्हीं मांगों और समस्याओं को लेकर श्रमिकों ने सैकड़ों की संख्या में उपजिलाधिकारी ओबरा को तहसील कार्यालय पहुंचकर पत्रक सौंपते हुए अपना दुखड़ा सुनाया है। श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ और उनका बकाया वेतन जल्द से जल्द नहीं मिला, तो वह मजबूरन आंदोलन करने पर विवश होंगे। इस दौरान ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष शिवदत्त दुबे ने मजदूरों के साथ तहसील पर प्रदर्शन करते हुए एसडीएम ओबरा से वार्ता करते हुए कहा कि तीन महीने का बकाया वेतन तत्काल प्रदान किया जाए, भविष्य में समय पर वेतन भुगतान की सुनिश्चितता हो, श्रम कानूनों का पालन और कार्यस्थल पर सभी सुरक्षा मानकों का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए। इस मौके पर शिवदत्त दुबे, महेश अग्रहरी, उमेश शुक्ला एडवोकेट आदि सैकड़ों मजदूर उपस्थित रहे। कार्यक्रम के पश्चात श्रमिकों ने ओबरा तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक को भी ज्ञापन सौंपकर अपनी व्यथा को सुनाया है।

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