रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा
DGP प्रशांत कुमार का कहना है की एसडीएम ने आयोजन की अनुमति दी थी। पुलिस विभाग इस मामले को प्रशासन की तरफ ठेलकर खुद को बचाने में जुट गया है।
मुख्यमंत्री नाराज हैं और कड़ी कार्रवाई के लिए कह रहे हैं।
घटना दोपहर के आसपास की है लेकिन पुलिस का रिस्पोंस इतना सुस्त था की लखनऊ, अलीगढ़ और हाथरस सब जगह तैनात जिम्मेदार ऑफिसर्स ने मामले को हल्के में लिया।
राहत और बचाव कार्य कई घंटे बीत जाने के बाद शुरू हो सका। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है की समय रहते अगर राहत बचाव के संसाधन पहुंच जाते तो काफी लोगों को बचाया जा सकता था।
लेकिन डीजीपी मुख्यालय मीडिया को शाम 4 बजे तक कोई जानकारी नहीं दे पाया था। कमिश्नर, एडीजी और IG भी घटना के काफी देर बाद पहुंचे थे।
डीएम और एसपी हाथरस इस पूरे हादसे के बाद राहत बचाव कार्य और संसाधनों को मूव करा पाने में विफल थे।
लाशें बिखरी पड़ी थी और घायलों को लेकर लोग इधर उधर भाग रहे थे।