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क्यों समर्थन करना चाहिए डॉक्टर ओम शंकर जी का

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रिपोर्ट: एके बिन्दुसार ( चीफ एडिटर- Bmf News Network)

वाराणसी के पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता एवं सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों एवं समाज के प्रबुद्ध जनों को क्यों समर्थन करना चाहिए डॉक्टर ओम शंकर जी का
*इस विषय पर वाराणसी के लोगों को और देश-विदेश के लोगों को विचार करना चाहिए डॉ ओम शंकर जी के अनशन स्थल पर पहुंचना चाहिए पहुंचकर उनके जन कल्याणकारी मांगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहिए*।
एके बिंदुसार
संस्थापक
भारतीय मीडिया फाउंडेशन
भारतीय मतदाता महासभा
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया अधिकार महामोर्चा
सनातन राष्ट्र भारत रक्षक महामोर्चा।

वाराणसी। हृदय रोग विभाग सर सुंदरलाल अस्पताल में अनवरत अनशन एवं धरना पर बैठे डॉक्टर ओम शंकर जी को कई पत्रकार संगठन एवं सामाजिक संगठनों में अपना समर्थन प्रदान किया है।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने वाराणसी के पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं व्यापारियों छात्र-छात्राओं वाराणसी के प्रबुद्ध जनों एवं सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों से अपील करते हुए कहा कि डॉ ओम शंकर के इस महान आंदोलन पर आप सभी को विचार करना चाहिए और समर्थन देकर इस महा क्रांति को सफल करने की आवश्यकता है।
*हम सभी को क्यों समर्थन करना चाहिए इस बारे में उनके सुख सुविधा पर चर्चा करते हैं।*

साथियों भारत में हृदय रोग विशेषज्ञ का वेतन

भारत में कार्डियोलॉजिस्ट का औसत वेतन ₹2,50,000 प्रति माह है। भारत में एक हृदय रोग विशेषज्ञ के लिए औसत अतिरिक्त नकद मुआवजा ₹1,20,000 है, जिसकी सीमा ₹8,333 – ₹24,00,000 तक है इसके बावजूद भी डॉक्टर ओम शंकर धरना पर बैठे हुए हैं क्यों और किस लिए अगर उन्हें निजी सुख की भावना होती तो वह जनकल्याणकारी मुद्दों पर कभी भी अनशन नहीं करते अपने जीवन को दांव पर नहीं लगाते क्योंकि उन्हें नौकरी से इतना धन प्राप्त हो रहा था जो एक राजा की तरह जिंदगी जी सकते थे लेकिन आज वह भारत आम नागरिकों की लड़ाई को जमीन पर लेट कर लड़ रहे हैं।
इसलिए हम सभी को विशेष ध्यान देना चाहिए।
अगर डॉक्टर ओम शंकर जी अपने सुख सुविधा को त्याग कर अगर जन कल्याण के लिए आंदोलन पर हैं तो हम सभी उनके साथ दें देश के राजनेताओं को भी वाराणसी के समस्त उम्मीदवारों को भी मौके पर जाकर डॉक्टर ओम शंकर के महान आंदोलन की जानकारी लेनी चाहिए लेकिन लगता है कि अभी तक कोई भी राजनेता नहीं गया कोई भी ऐसी खबर नहीं है इसलिए देश की जनता को बनारस के मतदाता को भी यह समझना है यह जो जनकल्याणकारी मुद्दों को लेकर डॉक्टर ओम शंकर जी अनशन पर बैठे हैं अगर इस जन कल्याणकारी मुद्दों पर कोई राजनेता नहीं जा रहा है तो क्या वह वोट के हकदार हैं ऐसे में वाराणसी के प्रबुद्ध जनों को विचार करना होगा और भ्रष्टाचार पर चोट करना होगा इसलिए ध्यान रहे संविधान का कैंडिडेट नोटा भी चुनाव मैदान में है।
भ्रष्टाचार पर चोट करो नोटा पर वोट करो

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