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एटा के प्रशासन की बात करते है लेकिन चुप रहना है!!

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रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा 

एटा: के प्रशासन की बात करते है लेकिन चुप रहना है!!

बरसात से पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश के सभी जनपदो के जिलाधिकारियों को पूर्व निर्देश दें दिए जाते है है कि जहाँ भी नदियाँ या फिर बम्बे. नहरो की सफाई होनी है। सभी नहरों, नदियों, बम्बो की सफाई कर दी जानी चाहिए। इन निर्देशो के बाद भी जनपद के निधोली क्षेत्र के हालात बदतर हो चुके है। क्योंकि अधिकारियो के कान पर जू नहीं रेगती है।

अगस्त माह से पूर्व CONFERENCE मंच के माध्यम से जिलाधिकारी एटा प्रेम रंजन सिंह को कई बार पूर्व अवगत कराया गया था कि निधोली कला रोड स्थित ईशन नदी व अरिन्द नदी में कचरा होने की वज़ह से बरसात के समय आम जनता को खेती में दिक्कत आएगी!लेकिन प्रशासन द्वारा इस बात को हवा में उड़ा दिया गया क्योंकि एटा के हालात कब ख़राब हो जाये. स्थानीय आम जनता को बेहतर पता रहते है. न कि बाहर से आये अधिकारियों को….

यह भी कहा गया कि इशन नदी के अरथरा स्थित एक हिस्से को तत्कालीन जिलाधिकारी आई. पी.पांडे जी के द्वारा सफाई भी कराई गई थी व नदी के किनारो का दायरा भी बढ़ाया गया था।इसी कार्य की वजह से अरथरा पुल से एटा की तरफ किसानो को राहत रहती है. क्योंकि इस इशन नदी की करीब दस किलोमीटर तक उस समय सफाई कराई गई थी।

*अब हालात देखे-भले जा रहे हो 👇!*

अब हालात निधोली कला क्षेत्र से लेकर बारथर पंचायत के क्षेत्र तक किसानो के खेतो में ईशन नदी व अरिन्द नदी का पानी भरने से फसल बर्बाद हो चुकी है।अब इस पुरे क्षेत्र में प्रशासन घूम-घूम कर जिले में मिडिया के कैमरे अपनी तरफ घुमा रहा है। ऐसा पहले ही प्रशासन सचेत हो जाता तो ऐसे हालात किसानो को नहीं देखने पड़ते।

पूर्व के सदर तहसील एटा के सभी SDM द्वारा निधोली कला व इशन नदी. अरिन्द नदी क्षेत्र का बरसात पूर्व दौरा करके नहर व इशन नदी के किनारे देखे जाते रहे है लेकिन इस बर्ष SDM एटा भावना विमल द्वारा एक मात्र दौरा नहीं किया गया था। जिससे हालात बदतर तो होने ही थे।

ईशन नदी के अरथरा क्षेत्र की दो नहरों के पटान में मिट्टी भरने से पानी की निकासी सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है. वही दूसरी तरफ से आगरा रोड स्थित एक छोटी सी पुलिया सहित नदी के किनारो पर अवैध निर्माण करा कर नदी के दायरे को सीमित कर दिया गया है।

हालात अगले बर्ष और बिगड़ेगे 👇

अब आप कहेगे कि हम ज्योतिष कह रहे है तो यही मान लीजिये लेकिन एटा की भौगोलिक स्थिति के अनुसार इससे भी बदतर स्थिति अगले बर्ष होने वाली है इसके दो कारण होंगे.

*पहला 👉* यह कि निधोली रोड नहरो पर बन रहे दो बड़े पुलों के निर्माण के कारण. नरोरा माईन से पानी छोड़ा जायेगा वो अरिन्द नदी और इशन नदी में घुमा कर आएगा ही. जिससे इस वर्ष की अपेक्षा अगले वर्ष स्थिति बिगड सकती है.

*दूसरा 👉* आगरा रोड पर बने अवैध निर्माण से इशन नदी ने आज से तीन वर्ष पूर्व भी यही संकेत दिए थे कि उसका दायरा खाली कर दिया जाये लेकिन न निर्माण वालों ने सोचा और न ही जिला प्रशासन ने इन निर्माण को हटाने की पहल की।

*नहर विभाग के हालचाल अच्छे नहीं है 👇*

काम के मामले में देखा जाये तो यह विभाग कभी भी आपको काम करते नहीं मिलेगा. इस विभाग के काम भी गौर से देखेंगे तो बरसात के एक माह पूर्व कुछ काम होते दिखाई देगा भी क्योंकि जो भी काम होता है बरसात होने के बाद वही मिट्टी कचरा पुनः नदी बम्बो में चला जाता है और कागजो पर नदी साफ हो जाती है….

अब इस चित्र को ही देख लीजिये नहर की पटरी के कटान का है. थोड़ी बरसात और हुई तो नहर का पानी किसानो के घरो तक जायेगा.!

जल्द बेसिक शिक्षा विभाग एटा की बड़ी खबर देने जा रहे है कि होश उड़ जायेगे कि ऐसा भी होता है।

NOTE 👇
अगर जिला प्रशासन को जानकारी सही और सटीक दी जा रही है उसके बाद भी करना नहीं चाहते है तब यह कहना पड़ेगा ही कि आप उस सिण्डिकेट के हिस्से है.

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