रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा
- ( गोष्ठी आयोजित कर आमजन को किया गया जागरूक )
एटा ! अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन श्रीमती अनुपम कुलश्रेष्ठ के निर्देशन में महिलाओं एवं बालिकाओं के जागरूकता व स्वावलंबन एवं उनके प्रति होने वाले अपराधों में कमी लाने हेतु चलाए जा रहे “ऑपरेशन जागृति 2.0” अभियान के तहत आज शनिवार को थाना कोतवाली नगर के श्री दिगंबर जैन कन्या इंटर कॉलेज तथा गांधी स्मारक इंटर कॉलेज जीटी रोड थाना कोतवाली देहात के प्रा0 विद्यालय बदरिया व एसडीएस इंटर कॉलेज, थाना बागवाला के प्रा0पा0 खडौआ व गोला, थाना मारहरा के ग्राम पंचायत सराय जरेलिया तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोइउद्दीनपुर, थाना मिरहची के प्रा0पा0 रतनपुर माफी तथा प्राथमिक पाठशाला गंगाराम, थाना पिलुआ के आरएस इंटर कॉलेज नगला इमलिया तथा एसवीएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुखरना, थाना सकीट के सौदान सिंह इंटर कॉलेज रजपुरा व प्राइमरी स्कूल मुबारकपुर सराय, थाना मलावन के महाराणा प्रताप हाई स्कूल मलावन तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय दलेलपुर, थाना रिजोर के ग्राम पंचायत मिर्जापुर सई तथा भूदेवी इंटर कॉलेज निधौली खुर्द, थाना जलेसर के चौधरी तुर्रम सिंह महाविद्यालय अवागढ़ रोड जलेसर तथा प्राथमिक विद्यालय बुधेरा, थाना अवागढ़ के प्रा0वि0 वीरनगर व प्रा0वि0 नगला रूपी, थाना निधौली कलाँ के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बाकलपुर तथा उच्चतर प्राथमिक विद्यालय निधौली कला, थाना सकरौली के प्रा0वि0 मुढसमां व प्रा0 बिचपुरी, थाना अलीगंज के पीडीएस पब्लिक स्कूल व एस.के.एल इंटर कॉलेज पुराहार बुलाकीनगर, थाना जैथरा के आरडी पब्लिक स्कूल कस्बा जैथरा तथा लाल बहादुर शास्त्री स्कूल जैथरा, थाना राजा का रामपुर के अनार सिंह इंटर कॉलेज विल्सड पट्टी राजा का रामपुर एटा तथा आरबीएल इंटर कॉलेज कस्बा राजा का रामपुर एटा, थाना नयागाँव के जन्ट सिंह इंटर कॉलेज नयागांव व ग्राम पंचायत नगरिया उर्फ सिकंदरपुर दौंगा, थाना जसरथपुर के जनता जूनियर इंटर कॉलेज ग्राम पिंजरी गंभीर सिंह व प्राथमिक विद्यालय ग्राम जमालपुर* में गोष्ठी आयोजित कर, महिलाओं एवं बालिकाओं, छात्र एवं छात्राओं तथा क्षेत्र के गणमान्य लोगों से संवाद स्थापित कर उनको जागरूक किया गया, साथ ही गोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले लोगों से फीडबैक भी लिया गया।
अभियान के दौरान बताया गया है अक्सर पारिवारिक विवाद / पारस्परिक भूमि विवाद का यथोचित समाधान नहीं दिखने पर अपराधिक घटनाओं में महिला सम्बन्धी अपराधों को जोड़ने की प्रवृत्ति भी सामाजिक रूप से देखने को मिल रही है। संक्षेप में कई अन्य प्रकरणों में ऐसी घटनायें दर्ज करा दी जाती हैं, जिनको बाद महिला एवं बालिकाओं संबन्धी अपराधों की श्रेणी में परिवर्तित कर दिया जाता है। जबकि मूलतः यह पारिवारिक और भूमि विवाद संबन्धी होती है।
दूसरी ओर वास्तविक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध जो अपराध होते हैं, उनमें दुष्कर्म, शीलभंग जैसे संगीन मामलों में प्रताड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं की मनोस्थिति काफी हद तक प्रभावित होती है और पीड़िता के जीवन में उस घटना का ट्रॉमा और भय सदैव के लिए बस जाता है। उक्त मानसिक आघात से उभरने के लिए पीड़िता को मनोवैज्ञानिक परामर्श की भी आवश्यकता होती है।
एक अन्य प्रकार का ट्रेंड जो सामने आ रहा है, उसमें नाबालिग बालिकाएं लव अफेयर, इलोपमेंट, लिव इन रिलेशनशिप जैसे सेनेरियो में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है। कई बार बालिकायें अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है। साथ ही साथ बदनामी के भय से ऐसा संत्रास झेलना पड़ता है, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती है। परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाए अपनी बात कह नहीं पाती है। इसके अतिरिक्त आज तकनीक के दुरूपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे है। इन सभी परिस्थितियों में सामाजिक जागरूकता, संवाद शिक्षा और परामर्श की बेहद आवश्यकता है ताकि महिलायें एवं बालिकायें इस प्रकार के षड़यंत्रों का शिकार न बने भावनाओं में बहकर अपना जीवन बर्बाद न करें, यदि उनके साथ किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो वह सच बोलने की हिम्मत रख पाये और विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उनको परामर्श/सहयोग और पुनर्वास का मौका मिल सके।