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मीडिया प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही न होने से भाजपा जिलाध्यक्ष के भी इस साजिश में शामिल होने की बन रही सम्भावना

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रिपोर्ट: ए.के बिन्दुसार (चीफ एडिटर -BMF NEWS NETWORK)

मामला भाजपा जिला मीडिया प्रभारी द्वारा मीडिया कर्मियों को बदनाम करने संबंधित वायरल वीडियो का

सिंगरौली। लोकसभा चुनाव के तारतम्य में सीधी-सिंगरौली संयुक्त संसदीय सीट में भाजपा जिला सिंगरौली मीडिया प्रभारी द्वारा लिस्ट लेकर मीडिया कर्मियों को मैनेज करने का वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में भाजपा मीडिया प्रभारी द्वारा मीडिया कर्मियों की बोली लगाई जा रही है। इस पूरे मामले ने जहां तूल पकड़ा। मामले की शिकायत चुनाव आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास तक भी पहुंच चुकी है। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा इस पूरे मामले में साधी गई चुप्पी से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पूरी साजिश में कहीं न कहीं भाजपा जिलाध्यक्ष का हांथ है। अहम बात तो यह है कि मीडिया कर्मियों को बदनाम करने के प्रयास में पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी पार्टी का बंटाधार करने की भी तैयारी पूरी कर चुके हैं। आखिर मीडिया प्रभारी द्वारा लिस्ट के साथ मीडिया कर्मियों की बोली लगाने का प्रयास किया गया है। निश्चित ही यह राशि कहीं न कहीं से उपलब्ध कराई गई होगी। अब सवाल यह उठता है कि यह राशि आई कहां से? जिसे मीडिया प्रभारी द्वारा मीडिया कर्मियों को उपलब्ध कराये जााने की बात की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दिनों सिंगरौली जिला भाजपा मीडिया प्रभारी द्वारा एक लिस्ट लेकर मीडिया कर्मियों की बोली लगाये जाने का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें मीडिया प्रभारी द्वारा मीडिया कर्मियों एवं संबंधित समाचार पत्रों का नाम लेकर उन्हें नगद राशि सौंपे जाने की बात कही जा रही है। अलग-अलग लोगों के लिए मीडिया प्रभारी द्वारा अलग-अलग बोली लगाई गई। वीडियो बनाये जाते समय मीडिया प्रभारी अपने आफिस में मौजूद हैं तथा बकायदा मीडिया कर्मियों का नाम ले लेकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।

जिलाध्यक्ष की चुप्पी बनी चर्चा का कारण

भाजपा एक अनुशासित पार्टी मानी जाती है। भाजपा संगठन के लोग अनुशासन एवं सूचिता की बात करते हैं। ऐसे में पार्टी के एक जिम्मेदार पदाधिकारी द्वारा की गई गैर जिम्मेदाराना हरकत के बाद भी भाजपा जिलाध्यक्ष की चुप्पी इस पुरे घटनाक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष की सहभागिता की ओर स्पष्ट इशारा कर रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इस घटनाक्रम के 36 घंटा बीत जाने के बाद भी जिला मीडिया प्रभारी के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही न होना इस बात का संकेत है कि इस पूरे घटनाक्रम में जिलाध्यक्ष की मूक सहमति थी।

पार्टी की छवि पर पड़ सकता है प्रतिकूल प्रभाव

इस पूरे घटनाक्रम में जिलाध्यक्ष की चुप्पी की वजह चाहे जो भी हो लेकिन भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी के एक जिम्मेदार पदाधिकारी द्वारा की गई सोची समझी इस गलती का प्रभाव पार्टी की छवि पर पडऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर सूचिता एवं पारदर्शिता की बात करने वालों को इस बात का जवाब तो देना ही पड़ेगा कि आखिर मीडिया प्रभारी द्वारा बांटी जा रही इस राशि की आमद कहां से हुई। निश्चित ही यह राशि पार्टी द्वारा मुहैया कराई गई होगी। जिसे सूची बनाकर बांटने का ढिंढोरा मीडिया प्रभारी द्वारा पीटा जा रहा था।

हमको नहीं है जानकारी-जिलाध्यक्ष

चुनाव के समय हुए इतने बड़े घटनाक्रम के बाद जिससे पार्टी की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की पूरी संभावनाएं हैं। इस संबंध में जिलाध्यक्ष भाजपा राम सुमिरन गुप्ता से दूरभाष पर चर्चा करने पर उनके द्वारा सीधे यह कहा जाना कि अभी तक तो हमें घटनाक्रम की जानकारी ही नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने तो यह तक कह दिया कि इसमें मीडिया वालों की ही गलती है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा जिलाध्यक्ष पार्टी एवं संगठन की छवि के प्रति कितना अधिक वफादार है। फिलहाल यह बताने से जिलाध्यक्ष बचते रहे कि मीडिया प्रभारी को वह सूची एवं राशि कहां से उपलब्ध हुई। जो आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि भाजपा जिला मीडिया प्रभारी की नियुक्ति भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा की गई है।

अन्य राजनीतिक दलों ने भी जताया विरोध

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी द्वारा लिस्ट बनाकर मीडिया कर्मियों की बोली लगाने के वायरल वीडियो पर भले ही भाजपा जिलाध्यक्ष एवं भाजपा प्रत्याशी द्वारा अभी तक कोई प्रतिक्रिया न दी गई हो लेकिन इस मामले को लेकर अन्य राजनीतिक दल आक्रामक रूख अपना चुके हैं। राजनीतिक दलों द्वारा वायर वीडियो एवं समाचार पत्रों की कतरनों को एकत्र कर चुनाव आयोग एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखित शिकायती पत्र देकर मामले की जांच कराये जाने एवं मामले को आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन बताते हुए कार्यवाही करने की मांग की है।
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