श्री राम कथा के पांचवे दिन भगवान श्री राम की बाल लीलाओं का किया वर्णन
रिपोर्ट सत्यदेव पांडे बीएमएफ ब्यूरो चीफ सोनभद्र
चोपन। प्रीतनगर में स्थित श्री श्री रामेश्वर महादेव मंदिर पर चल रहे श्री राम कथा के पांचवे दिन बुधवार को भगवान श्री राम की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने बताया कि भगवान राम के जन्म के बाद पूरे अयोध्या में शहनाई की आवाज गूंज रही थी। श्री राम की बाल लीला संसार की सकारात्मक एवं सुखद आनंदमई लीला है ,भगवान राम की बाल लीला में ही उनके साम्यवादी चिंतन तथा उनका क्रियात्मक रूप स्पष्ट होता है, जब वह दशरथ के आंगन में बिहार करते हैं और महाराज दशरथ उन्हें भोजन के लिए बुलाते हैं तो वह समता के पोषक होकर बाल शाखाओं के साथ खेला करते हैं और वह भोजन के लिए नहीं आते हैं।
किंतु जब माता कौशल्या उन्हें वात्सल्य भाव से बुलाती है तो वह ठुमक, ठुमक, कर उनके पास चले आते हैं ।आगे कथा में श्री महाराज जी ने बताया कि भगवान राम के साम्यवादी व समतामूलक चिंतन स्पष्ट होता है। बाल काल में उनकी लीलाओं के दर्शन करने के लिए देवता भी तरसते थे।
भगवान शिव खुद ही वीर हनुमान के साथ वेश बदलकर भगवान राम की बाल लीलाओं के दर्शन करने आए थे। आगे श्री कथावाचक ने कहा कि श्री राम कथा का श्रवण कर उनका अनुसरण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हमें भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए गए आदर्शों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मनोज चौबे ने किया। इस मौके पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश मिश्रा, अजीत चौबे, जिला प्रचारक मनीष, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि संजीव त्रिपाठी, अनुपम तिवारी, मंडल, अध्यक्ष सुनील सिंह, राहुल प्रताप सिंह,धर्मेंद्र जायसवाल, वरूण, राहुल प्रताप सिंह, अमर शर्मा, मिनू चौबे , शबनम मिश्रा,राजेश अग्रहरी, विनय पाठक, दीनदयाल सिंह, अरविंद उपाध्याय, जयशंकर पाण्डेय, बबलू सोनी,अजय यादव,सुशील सिंह , अमित सिंह बढ़कू विकास सिंह छोटकू इत्यादि लोग उपस्थित रहे।