पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए कुछ आवश्यक निर्देश जिससे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया सशक्त बन सकता है:
एके बिंदुसार
संस्थापक
भारतीय मीडिया फाउंडेशन नई दिल्ली में पत्रकारों के लिए:
निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ रिपोर्टिंग: पत्रकारों को बिना किसी पूर्वाग्रह के तथ्यों को प्रस्तुत करना चाहिए। उन्हें किसी भी राजनीतिक दल या विचारधारा के प्रति पक्षपाती नहीं होना चाहिए।
सत्य और सटीक जानकारी: पत्रकारों को हमेशा सत्य और सटीक जानकारी देनी चाहिए। उन्हें गलत या भ्रामक खबरें नहीं फैलानी चाहिए।
जनता के प्रति जवाबदेही: पत्रकारों को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। उन्हें जनता के हितों को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।
नैतिक आचरण: पत्रकारों को हमेशा नैतिक आचरण का पालन करना चाहिए। उन्हें किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या कदाचार में शामिल नहीं होना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए:
जनता के मुद्दों को उठाना: सामाजिक कार्यकर्ताओं को जनता के मुद्दों को उठाना चाहिए और उनके समाधान के लिए प्रयास करना चाहिए।
जनता को संगठित करना: सामाजिक कार्यकर्ताओं को जनता को संगठित करना चाहिए ताकि वे अपनी आवाज को बुलंद कर सकें।
सरकार पर दबाव बनाना: सामाजिक कार्यकर्ताओं को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए ताकि वह जनता के हितों में नीतियां बनाए।
पारदर्शिता और जवाबदेही: सामाजिक कार्यकर्ताओं को हमेशा पारदर्शी और जवाबदेह होना चाहिए। उन्हें अपने कार्यों के बारे में जनता को जानकारी देनी चाहिए।
दोनों के लिए:
एकजुट होकर काम करना: पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।
एक दूसरे का सम्मान करना: पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए और एक दूसरे के विचारों को सुनना चाहिए।
कानून का पालन करना: पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को हमेशा कानून का पालन करना चाहिए। उन्हें किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए।
मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देना: पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जनता के बीच मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देना चाहिए ताकि वे मीडिया के सही उपयोग के बारे में जान सकें।
सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग: पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करना चाहिए और गलत सूचनाओं को फैलने से रोकना चाहिए।
पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। दोनों को मिलकर लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए। यदि दोनों अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी से करते हैं, तो लोकतंत्र निश्चित रूप से सशक्त बन सकता है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति की अपनी भूमिका होती है। इसलिए, हमें सभी को लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।