रिपोर्ट: दिलीप सिंह राणा (संपादक)
लखीमपुर खीरी। के पलिया कला में बिना रजिस्ट्रेशन के चलने वाले हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी रहते हैं मेहरबान जब आल्हा अधिकारी पलिया में आते हैं तो उन्हें बढ़िया होटलों में जिसमें लग्जरी व्यवस्था होती है वहां पर जितने भी हॉस्पिटल वाले हैं वह लोग पूरी व्यवस्थाओं का करते हैं इंतजाम और अच्छी खासी चढ़ावा चढ़ाते हैं जिस पर स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी रहते हैं मेहरबान।
तमाम तरह की डिग्रियों का जिक्र भी होता है, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के लोग सबकुछ जानते हुए भी कुछ नहीं करते. इनके क्लिनिक व अस्पतालों के नाम भी बड़े शहरों की क्लिनिक व अस्पतालों की तर्ज पर रहते हैं. इससे लोग आसानी से प्रभावित हो जाते हैं. मरीज अच्छा डॉक्टर समझकर इलाज करवाते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं रहता है कि उनका इलाज भगवान भरोसे किया जा रहा है.
कार्रवाई नहीं होने के चलते बढ़ती जा रही है, फर्जी क्लिनिक व अस्पतालों की संख्याअस्पताल संचालक सीरियस होने पर मरीजों को रेफर कर देते हैं. मरीजों को वही दवा लिखी जाती है, जिससे उन्हें कमीशन मिलते है. अक्सर ऐसे मामले देखने को मिलते हैं कि फर्जी डॉक्टरों के इलाज से मरीज की जान पर आफत आ जाती है. स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है कि क्षेत्र में फर्जी डॉक्टरों द्वारा कितने बिना पंजीकरण के क्लिनिक व अस्पताल संचालित किये जा रहे हैं.
मरीजों को लुभाने के लिए कराते हैं कई तरह की जांच।
आला अधिकारी मस्त फर्जी अस्पताल सख्त।