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राजस्व बढ़ाने के लिए नए स्रोत तलाशें तकनीक को अपनाएं रिफॉर्म करें: मुख्यमंत्री

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सीएम योगी का महत्वपूर्ण आदेश-

रिपोर्ट :- निशा कांत शर्मा

राजस्व के रूप मिली धनराशि जनता की, जनहित में होगा उपयोग: मुख्यमंत्री

पहली तिमाही में उत्तर प्रदेश में हुआ ₹51 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व संग्रह

राजस्व बढ़ाने के लिए नए स्रोत तलाशें, तकनीक को अपनाएं रिफॉर्म करें: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने की चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा, कहा, लक्ष्य के सापेक्ष तेज करें प्रयास

खनन, स्टाम्प व निबंधन, आबकारी, परिवहन सहित हर सेक्टर में बढ़ा राजस्व संग्रह, मुख्यमंत्री ने जताया संतोष

राज्य कर विभाग की विशेष अनुशासनिक इकाइयों का टारगेट तय करें, प्रदर्शन की रिपोर्ट प्रत्येक माह सीएम ऑफिस भेजें: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने की चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा

● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल की उपस्थिति भी रही।

● मुख्यमंत्री जी ने बारी-बारी से जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, भू-राजस्व और ऊर्जा में राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उसके सापेक्ष प्राप्तियों का विवरण प्राप्त किया साथ ही विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए..

बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश

★ नियोजित प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में विविध माध्यमों से अब तक ₹51 हजार करोड़ से अधिक की राजस्व प्राप्ति हुई है। इसमें जीएसटी/वैट से लगभग ₹28 हजार करोड़, एक्साइज टैक्स के रूप में ₹12 हजार करोड़, स्टाम्प एवं पंजीयन से ₹7500 करोड़, परिवहन से ₹3 हजार करोड़, ऊर्जा से 733 करोड़ और भू-राजस्व के रूप में 114 करोड़ से अधिक का राजस्व संग्रह हुआ है। यह स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है। यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, जनता के हित में, लोककल्याणकारी कार्यों में व्यय होगा।

★ प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 31 लाख से अधिक GST पंजीकृत व्यापारी हैं। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए हमें नए स्रोत भी बनाने चाहिए। नियमों को सरल बनाएं, तकनीक को अपनाएं, रिफॉर्म करें।

★ राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। जीएसटी की चोरी/अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है। राज्य कर विभाग की विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। यद्यपि हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी/अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है। फिर भी अभी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत है। इनके लिए टारगेट तय करें और प्रदर्शन की रिपोर्ट प्रत्येक माह मुख्यमंत्री कार्यालय में उपलब्ध कराई जाए।

★ अवैध मदिरा/कच्ची शराब बनाने और बेचने की गतिविधियों को बंद करने में हमें सफलता मिली है। ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई लगातार जारी रखी जानी चाहिए। दूसरे प्रदेशों से अनाधिकृत मदिरा प्रदेश में न आने पाए, इसके लिए हर समय एक्टिव रहना होगा। राजस्व संग्रह लक्ष्य के सापेक्ष आबकारी विभाग द्वारा और बेहतर प्रयास किया जाना अपेक्षित है।

★ नोएडा/ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-बायर्स के बीच समस्याओं का समाधान तेजी के साथ किया जाए। हमें हर एक बायर के हितों की सुरक्षा करनी है। बायर को उसके फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए। इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं।

★ बिना परमिट/बिना फिटनेस एक भी वाहन सड़क पर नहीं आनी चाहिए। इसके लिए सघन चेकिंग करें। जांच की यह कार्रवाई सड़क पर आवागमन बाधित कर नहीं होना चाहिए। आरटीओ कार्यालयों को दलालों से मुक्त करें। यह लोग व्यवस्था में बाधक हैं।

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