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नियमावली एवं उद्देश्य। भारतीय मीडिया फाउंडेशन एक राष्ट्रीय, गैर -लाभकारी मीडिया कर्मियों एवं पत्रकार बंधुओं तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय संगठन। धारा – 1 : नाम- भारतीय मीडिया फाउंडेशन Indian Media Foundation

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नियमावली एवं उद्देश्य।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन एक राष्ट्रीय, गैर -लाभकारी मीडिया कर्मियों एवं पत्रकार बंधुओं तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय संगठन।

धारा – 1 : नाम-
भारतीय मीडिया फाउंडेशन
Indian Media Foundation

धारा – 2: उद्देश्य

भारतीय मीडिया फाउंडेशन एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, जो सुदृढ़, समृद्ध, एवं स्वावलंबी राष्ट्र हो. जिसका दृष्टिकोण आधुनिक प्रगतिशील एवं प्रबुद्ध हो, और जो अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों से प्रेरणा ग्रहण करता हो तथा न्याययुक्त राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता को स्थापित करने के लिए देश के सभी राज्यों में अपनी प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन कर सके। भारतीय मीडिया कर्मियों एवं पत्रकारों तथा सामाजिक कार्यकर्ता बंधुओं के अधिकार सम्मान सुरक्षा एवं उनको उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए एक सशक्त संगठन है, यह संगठन भारत के संविधान के नियमों और अधिनियम के अनुसार सशक्त मीडिया समृद्ध भारत का नव निर्माण एवं सशक्त मीडिया भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए कार्य करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन एक राष्ट्रीय, गैर-लाभकारी मीडिया कर्मियों एवं पत्रकार बंधुओं तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का संगठन है जो स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रूप से सभी प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा डिजिटल मीडिया के पत्रकार बंधुओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं भारतीय नागरिकों के लिए और मानव अधिकारों के ज्ञान और संरक्षण के लिए बना है।
सभी भारतीय नागरिकों के लिए और मानव अधिकारों के ज्ञान और संरक्षण को प्रदान करेगा।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन भारत के लोकतंत्र प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए सदैव तत्पर रहेगा ।

प्रदेश स्तर पर, विभाग या जिला स्तर पर कोई भी सामाजिक कार्यक्रम, कार्यक्रम का उद्देश्य, कार्यक्रम का विस्तृत विवरण, या कार्यक्रम की तारीख, समय और जगह निर्धारण के लिए समय-समय पर कोर कमेटी के माध्यम से आयोजन समिति एवं कार्यक्रम समिति बनाकर निर्णय लिया जाएगा।

प्रदेश कार्यकारिणी प्रदेश में होने वाले सभी प्रकार के पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता व मीडिया सम्मेलनों तथा सामाजिक कार्यक्रम या अभियानों का संचालन करेगी।
इसी तरह मंडल कमेटी जिला कमेटी तहसील एवं ब्लाक कमेटी कार्यक्रम का संचालन करेंगी।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन की कोर कमेटी द्वारा समय-समय पर विचार मंथन करके पत्रकार बंधुओं के स्वालंबन हेतु मीडिया कर्मियों एवं पत्रकार बंधुओं तथा सामाजिक कार्यकर्ता बंधुओं के साथ बैठक करके लक्ष्य एवं कार्यक्रम निर्धारित करेगी।

धारा – 3 : मूल दर्शन

“सशक्त मीडिया भ्रष्टाचार मुक्त भारत एवं सशक्त मीडिया समृद्ध भारत के नवनिर्माण के लिए भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने का संकल्प” भारतीय मीडिया फाउंडेशन का मूल दर्शन होगा.

धारा – 4 : निष्ठायें

राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय एकात्मता, लोकतंत्र,सामाजिक-आर्थिक विषयो पर समानतावादी दृष्टिकोण, जिससे शोषणमुक्त एवं समतायुक्त समाज की स्थापना हो सके और सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता अर्थात सर्वधर्म समभाव से समाजकार्य में भारतीय मीडिया फाउंडेशन विश्वास रखता है।

धारा – 5 : कार्यकारिणी

क्षेत्र :

संगठनात्मक में समन्वय और सहयोग के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ अन्य पदाधिकारियों की समन्वय समिति का गठन करेगी.

प्रदेश :

संगठनात्मक में समन्वय और सहयोग के लिए क्षेत्र अध्यक्ष, भारत के संविधान में उल्लिखित राज्य और केंद्र-शासित क्षेत्रो के अनुरूप अध्यक्ष के साथ अन्य पदाधिकारियों की समन्वय समिति का गठन करेगी।

मंडल,जिला , महानगर, तहसील एवं ब्लॉक :

संगठनात्मक में समन्वय और सहयोग के लिए राज्य के
मंडल,जिला , महानगर, तहसील एवं ब्लॉक अध्यक्ष के साथ अन्य पदाधिकारियों की समन्वय समिति का गठन करेगी।

धारा – 6: संगठनात्मक ढांचा

1. राष्ट्रीय स्तर :

भारतीय मीडिया फाउंडेशन का पूर्ण या विशेष अधिवेशन (मीटिंग पॉइंट्स)
राष्ट्रीय परिषद (कार्यालय)
राष्ट्रीय कार्यकारिणी
राष्ट्रीय पद सूचि-
चेयरमैन 1-
डिप्टी चेयरमैन-2
अध्यक्ष – 1
वरिष्ठ उपाध्यक्ष-1
उपाध्यक्ष – 9
प्रमुख महासचिव – 1
महासचिव-9
सचिव – 10
संगठन सचिव-10
सूचना एवं जन संपर्क प्रमुख-1
कोषाध्यक्ष – 1
प्रवक्ता-1

प्रमुख सलाहकार-1
सलाहकार-4
व आवश्यकता अनुसार सहायक पदाधिकारी ( उपरोक्त सूचि के अलावा अन्य किसी भी नये पद की नियूक्ति के लिए संथापक/चेयरमैन या राष्ट्रीय अध्यक्ष की लिखित अनुमति की आवश्यकता रहेगी)
कार्यकारिणी पार्षद-आवश्यकतानुसार नियुक्त किए जाएंगे।

2. राष्ट्रीय क्षेत्र स्तर :

पूर्व क्षेत्र (बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम)
पश्चिम क्षेत्र (गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश,राजस्थान, छत्तीसगढ़)
उत्तर क्षेत्र (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर)
दक्षिण क्षेत्र (कर्नाटक, तेलंगना, आंध्र प्रदेश,केरल, तमिलनाडु)
क्षेत्रीय अधिवेशन (मीटिंग पॉइंट्स)
क्षेत्रीय परिषद(कार्यालय)
क्षेत्रीय कार्यकारिणी
क्षेत्रीय पद सूचि-
मैनेजमेंट प्रभारी एवं प्रतिनिधि-1
सहायक मैनेजमेंट प्रभारी एवं प्रतिनिधि-5
व आवश्यकता अनुसार सहायक पदाधिकारी ( उपरोक्त सूचि के अलावा अन्य किसी भी नये पद की नियुक्ति के लिए संथापक/चेयरमैन या राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष की लिखित अनुमति की आवश्यकता रहेगी)

3.प्रदेश स्तर

प्रदेश परिषद (कार्यालय)
प्रदेश कार्यकारिणी
प्रदेश पद सूचि
चेयरमैन 1-
डिप्टी चेयरमैन-2
अध्यक्ष – 1
वरिष्ठ उपाध्यक्ष-1
उपाध्यक्ष – 9
प्रमुख महासचिव – 1
महासचिव-9
सचिव – 10
संगठन सचिव-10
सूचना एवं जन संपर्क प्रमुख-1
कोषाध्यक्ष – 1
प्रवक्ता-1

प्रमुख सलाहकार-1
सलाहकार-4
व आवश्यकता अनुसार सहायक पदाधिकारी ( उपरोक्त सूचि के अलावा अन्य किसी भी नये पद की नियूक्ति के लिए संथापक/चेयरमैन या राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मैनेजमेंट प्रभारी एवं प्रतिनिधि की लिखित अनुमति की आवश्यकता रहेगी)
कार्यकारिणी पार्षद-आवश्यकतानुसार नियुक्त किए जाएंगे।

समितियाँ

धारा -6-मंडल, जिला,तहसील ब्लॉक समितियाँ
जिला पद सूचि-

चेयरमैन 1-
डिप्टी चेयरमैन-2
अध्यक्ष – 1
वरिष्ठ उपाध्यक्ष-1
उपाध्यक्ष – 9
प्रमुख महासचिव – 1
महासचिव-9
सचिव – 10
संगठन सचिव-10
सूचना एवं जन संपर्क प्रमुख-1
कोषाध्यक्ष – 1
प्रवक्ता-1

प्रमुख सलाहकार-1
सलाहकार-4
व आवश्यकता अनुसार सहायक पदाधिकारी ( उपरोक्त सूचि के अलावा अन्य किसी भी नये पद की नियूक्ति के लिए संस्थापक/चेयरमैन या राष्ट्रीय अध्यक्ष, मैनेजमेंट प्रभारी एवं प्रतिनिधि एवं राज्य चेयरमैन व प्रदेश अध्यक्ष की लिखित अनुमति की आवश्यकता रहेगी)
कार्यकारिणी पार्षद-आवश्यकतानुसार नियुक्त किए जाएंगे।

धारा – 7 :

राष्ट्रीय एवं प्रदेश कोष और खाता-

राष्ट्रीय एवं प्रदेश में कोष संग्रह, खर्च और हिसाब-किताब रखने के लिए कार्य की देख रेख करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष एवं एक पांच सदस्यीय वित्त समिति का गठन करेंगी। पांच सदस्यों में एक राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष होगा।
यह समिति राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश स्तर पर प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशन में और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के मार्गदर्शन में काम करेगी।

धारा – 8 : पदाधिकारियों के अधिकार और उत्तरदायित्व
चेयरमैन–अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों के कार्यप्रणाली की समीक्षा करना उन्हें दिशा निर्देश देखकर संगठन के उद्देश्यों के प्रति तैयार करना आवश्यकता अनुसार कार्यकारिणी में किसी भी प्रकार के विवाद होने पर एक निर्णायक मत देकर विवाद को समाप्त कराने का उत्तरदायित्व।
डिप्टी चेयरमैन-चेयरमैन के अनुपस्थिति में चेयरमैन के दिशा निर्देशों का पालन करना एवं कराना है।
अध्यक्ष-

संबंधित समिति की बैठकों की अध्यक्षता करना।
संविधान के अनुसार अपनी समिति/कार्यकारिणी के पदाधिकारियों/सदस्यों को मनोनीत करना।
विभिन्न पदाधिकारियों तथा समिति/कार्यकारिणी के सदस्यों के बिच कार्य एवं उत्तरदायित्व का विभाजन करना।
अन्य संगठनो से बातचीत में भाग लेना, या उस कार्य के लिए अपने संगठन के प्रतिनिधि मनोनीत करना।
अपनी समिति/कार्यकारिणी की बैठक की तिथि निश्चित करना और संविधान में उल्लिखित अवधि के भीतर बैठक का आयोजन करना।
मैनेजमेंट एवं क्षेत्रीय इकाई के अध्यक्ष एवं संयोजक की सिफारिश/नियुक्ति करना और उनके कार्य का ताल-मेल बैठाना।
संगठन की संगठनात्मक और रचनात्मक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में समिति/कार्यकारिणी का मार्गदर्शन करना।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष-

अध्यक्ष द्वारा निर्देशित जिम्मेदारी का निर्वहन करना ।

अन्य उपाध्यक्ष अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अध्यक्ष जिस उपाध्यक्ष को लिखित रूप से निर्देशित करेगा वह बैठक की अध्यक्षता करेगा।
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अध्यक्ष द्वारा निर्देशित उपाध्यक्ष, अध्यक्ष के उत्तरदायित्वों व अधिकारों का वहन करेगा।
प्रमुख महासचिव-

अध्यक्ष द्वारा निर्देशित तिथियों पर बैठकों का आयोजन करना, इसके लिए सूचना, विषय-सूचि भेजना तथा व्यवस्था करना।
बैठक की कार्यवाही का ब्यौरा रखना और सदस्यों में वितरित करना।
अन्य महासचिव प्रमुख महासचिव एवं अध्यक्ष के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करेगा एवं उसे अनुपालन कराएगा।

सचिव-

अध्यक्ष एवं महासचिव द्वारा निर्देशित उत्तरदायित्व का वहन करना तथा महासचिव को उसके कार्यो में सहयोग देना।

संगठन सचिव-
अध्यक्ष एवं महासचिव के निर्देशानुसार संगठन के हित में कार्य करना तथा पदाधिकारियों व सदस्यों को संगठित करना एवं हर कार्यक्रम में व्यवस्था करना व देखभाल करना।
संगठन के हर पदाधिकारी व सदस्य को बैठक व महत्वपूर्ण कार्यों की सूचना प्रदान करना सदस्यता अभियान की समीक्षा करना।

प्रवक्ता-
अध्यक्ष के निर्देशानुसार मीडिया प्रबंधक संचार विशेषज्ञ होते हैं जो विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए सभी लक्षित सामग्री को विकसित और कार्यान्वित करते हैं। वे सभी मीडिया सामग्री पर शोध करते हैं, लिखते हैं, प्रूफरीड करते हैं और संपादित करते हैं, मीडिया अभियानों को लागू और प्रबंधित करते हैं , और जनसंपर्क और संचार योजनाओं को वितरित करते हैं संगठन के कार्यक्रमों एवं उद्देश्यों को विभिन्न संचार माध्यमों से सरकार एवं आमजन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रवक्ता की होती है।
सूचना एवं जन संपर्क प्रमुख-

संगठन के सामूहिक निर्णय एवं अध्यक्ष के निर्देशानुसार सूचना एवं जन संपर्क प्रमुख का कार्य है कि वह संगठन के पदों का ईमानदारी से प्रतिनिधित्व और वकालत करे, संगठन के विचारों को शासन प्रशासन और मीडिया के समक्ष तार्किक तरीके से रखने का अधिकार होता है। प्रवक्ता के निर्देशों पर संगठन के लक्ष्यों को समर्थन देते हुए समाज में लोगों को प्रशिक्षण देकर संगठन के उद्देश्यों के प्रति कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।

प्रमुख सलाहकार-

स्वतंत्र रूप से संगठन को बेहतर प्रदर्शन हेतु विभिन्न प्रकार के सहयोगों के लिए प्रबन्धन सलाहकार के रूप में वाह्य विशेषज्ञों से नियमित रूप से सलाह एवं परामर्श करना। संगठन के किसी भी कार्य के सम्पादन को अत्यधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव एवं सेवाओं की पहचान हेतु प्रबन्धन परामर्श सहयोग एवं मार्ग दर्शन करना एवं संगठन की ओर से सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखना विचार विमर्श करना एवं संगठन हित में नए कार्यक्रम तैयार करना तथा नीति निर्धारण समिति के समक्ष कार्यक्रम को बनाने हेतु प्रस्ताव देना ।
सलाहकार- प्रमुख सलाहकार के निर्देशों का अनुपालन करना और उसे प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करना।

कोषाध्यक्ष-

अध्यक्ष के निर्देशानुसार अपनी इकाई के आय-व्यय का ब्यौरा रखना
अपनी इकाई के आय-व्यय का ऑडिट करवाना और उसकी रिपोर्ट प्रतिवर्ष समिति/कार्यकारिणी को प्रस्तुत करना।
अधीनस्थ इकाइयों के आय-व्यय की जाँच करना।

धारा – 9 : संगठन कोष

अध्यक्ष के आदेश पर कोष संग्रह के लिए राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तरों पर रसीदे छपाई जायेगी।
प्रत्येक रसीद क्रमांकित होगी तथा 25 रसीदों की पुस्तिका में जारी की जायेगी।
प्रत्येक रसीद पर संबंधित प्रदेश/राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर की मुहर छापी जायेगी, संग्रहकर्ता भी प्रत्येक रसीद पर अपना स्पष्ट हस्ताक्षर करेगा।
प्रदेश स्तर तक संगठन का खता बैंक में खोला जायेगा। जिसमे अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से धन निकालने की व्यवस्था की जायेगी।

मंडल तथा स्थानीय समिति का क्षेत्र, सबंधित प्रदेश कार्यकारिणी निर्धारित करेगी।

प्रदेश कार्यकारिणी, यदि कोई अन्य निश्चय न करे तो जिलों का क्षेत्र सामान्यतः राज्य के प्रशासकीय
जिलों के ही सामान होगा, परन्तु जिन नगरों की जनसंख्या पांच लाख से अधिक होगी, उन्हें पृथक (विशेष या अलग) जिला बनाया जा सकेगा।
सबंधित प्रदेश कार्यकारिणी जनसँख्या के आधार पर 20 लाख से अधिक जनसँख्या वाले नगरीय क्षेत्रो को एक से अधिक जिलों में विभाजित कर सकेगी।
आवश्यकता होने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहायता के लिए प्रभारी एवं प्रतिनिधि की नियुक्ति कर सकते है और प्रदेश अध्यक्ष को भी ऐसी नियुक्तियों की अनुमति दे सकते है।
आवश्यकता होने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष दो या दो से अधिक प्रदेशो के संगठन कार्य के लिए क्षेत्रीय मैनेजमेंट प्रभारी एवं प्रतिनिधि की नियुक्ति कर सकते है और प्रदेश अध्यक्ष को प्रदेश स्तर पर दो या अधिक जिलों के लिए विभाग/संभाग प्रभारी एवं प्रतिनिधि की नियुक्तियों की अनुमति दे सकते है।
धारा – 10 : प्रदेश इकाई का क्षेत्र

भारत के संविधान में उल्लिखित राज्य और केंद्र-शासित क्षेत्रो के अनुरूप संघ की प्रदेश इकाइयों (यूनिट) का संगठन किया जायेगा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी चाहे तो महानगर क्षेत्रों अथवा किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिए प्रदेश इकाइयों (यूनिट्स) के अंतर्गत क्षेत्रीय समितियों के गठन की स्वीकृति दे सकती है ।
इन समितियों के अधिकार तथा कार्य केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा बनाये गए नियमो द्वारा निर्धारित किये जायेंगे।
धारा – 11: सदस्यता

18 वर्ष या अधिक आयु का कोई भी पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी, महिला एवं पुरुष, अभिनेता, सिंगर, लेखक, साहित्यकार, शिक्षक एवं भारतीय नागरिक, जो विधान की धारा 2,3,और 4, को स्वीकारता है, सदस्यता-पत्र फॉर्म में लिखित घोषणा करने पर और निर्धारित शुल्क देने पर संगठन का सदस्य बन सकता है.
सदस्य का काल-खण्ड सामान्यत : 5 वर्ष का होगा, नया काल-खण्ड प्रारम्भ होने पर (जिसका निर्णय राष्ट्रीय कार्य समिति समय-समय पर करेगी) सभी सदस्यों को फिर सदस्यता पत्र भरना होगा। इस बिच मृत्यु हो जाने पर, त्याग पत्र देने पर, अथवा निष्कासन से सदस्यता समाप्त हो जाएगी।
कोई भी व्यक्ति सामान्यतः अपने स्थायी निवास-स्थान पर अथवा उस जगह पर,जहा वह अपना काम काज करता हो वह संगठन का सदस्य बन सकता है।
स्थान परिवर्तन के लिए सदस्य को लिखित आवेदन सबंधित जिला/प्रदेश को देना होगा।
सदस्यता का प्रकार-
1-वार्षिक साधारण सदस्यता शुल्क ₹100 मात्र
2-वार्षिक विशिष्ट सदस्यता शुल्क ₹500 मात्र।
3-वार्षिक सक्रिय सदस्यता शुल्क ₹1100 मात्र।
4-आजीवन सदस्यता शुल्क रुपया 11000 मात्र।

1-जो भी व्यक्ति ₹100 की सदस्यता देकर साधारण सदस्य बनेगे उन्हें सिर्फ नियुक्ति पत्र जारी की जाती है साधारण सदस्यता का।

2- जो भी व्यक्ति ₹500 का विशिष्ट सदस्यता देकर ज्वाइन करेंगे उन्हें विशिष्ट सदस्य का नियुक्ति पत्र एवं आई कार्ड दी जाती है।
3- जो भी व्यक्ति सक्रिय सदस्य 1100 रुपए देकर ज्वाइन करते हैं उन्हें मीडिया अधिकारी एवं पदाधिकारी उनकी योग्यता के आधार पर बनाया जाता है उन्हें नियुक्ति पत्र एवं आई कार्ड दिया जाएगा।

4-₹11000 सदस्यता शुल्क देकर कोई भी व्यक्ति आजीवन सदस्य बन सकता है उन्हें वैधानिक तरीके से आजीवन सदस्यता प्रमाण पत्र जारी किया जाता हैं।

(नोट — 10 साधारण सदस्य बनाने पर आपको सक्रिय सूची में शामिल कर लिया जाएगा।)

धारा – 12 : कार्यकाल

प्रत्येक परिषद/ कार्यकारिणी/समिति तथा उनके पदाधिकारियों एवं सदस्यों का कार्य-काल सामान्यतः 5 वर्ष का होगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी समय-समय पर कार्यकाल को बदल सकती है जो उसके अधिकार क्षेत्र में होगा, समस्त समितियों का समय-समय पर चुनाव कराने का भी प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।
कार्यकाल पूर्ण होने पर सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों को सदस्य पत्र एवं सदस्यता शुल्क या अनुदान देना अनिवार्य होगा।
कार्यकाल की अवधि समाप्त होने के 3 माह पूर्व क्षेत्रीय समिति, प्रदेश समिति, मंडल,जिला, महानगर, तहसील समिति एवं ब्लाक समिति प्रखंड समिति एवं तालुका समिति को अपने अपने पद मनोनयन हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष या राष्ट्रीय समिति, प्रदेश समिति को प्रस्तुत करना होगा।
समस्त समितियों में पदाधिकारी सक्रिय सदस्य एवं आजीवन सदस्य को ही बनाने का प्रावधान है।

धारा – 13: सदस्य पंजिका

स्थानीय समिति के अनुसार प्रत्येक सदस्यों की पंजिका प्रदेश समिति द्वारा तैयार करवाई जाएगी जिसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमो के अनुसार जिला कार्यकारिणी प्रमाणित करेगी। प्रमाणित सदस्यता पंजिका की एक प्रति जिला समिति तथा एक प्रति सबंधित स्थानीय समिति को भेजी जाएगी।
इस प्रकार तैयार की गयी पंजिका में प्रत्येक सदस्य का पूरा नाम, पिता/पति का नाम, आयु, व्यवसाय,निवास स्थान का पता, सदस्यता फॉर्म का क्रमांक और भर्ती की तारीख पहली बार भारतीय मीडिया फाउंडेशन का सदस्य बनने का वर्ष तथा सदस्यता फॉर्म क्रमांक का उल्लेख होगा।
धारा – 14 : सदस्य पंजिका की छानबीन:

प्रदेश कार्यकारिणी तथा जिला समिति प्रत्येक मंडल के लिए तैयार किये गए वर्षीय सदस्यता रजिस्टर की जाँच करेगी तथा पंजीकरण में हुई अनियमितता संबंधी शिकायतों के निपटारे की व्यवस्था करेगी तथा रजिस्टर में सुधर करवायेगी। बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायत होने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी जैसा आवश्यक समझेगी वैसी कार्यवाही करेगी।
धारा–15: ध्वज —

केशरिया झंडा
: झंडा दृढ़ संकल्प या फैसले, शत्रु की पराजय या किसी खास सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक होता है. संगठन के कार्यक्रमों के दौरान झंडे को फहराकर अपने सम्मान एवं स्वाभिमान का प्रदर्शन भी किया जाता है।

ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। केसरिया पट्टी के मध्य में भारतीय मीडिया फाउंडेशन का लोगो चिन्ह होगा।
पदाधिकारियों के लिए ड्रेस निर्धारित किया गया है जो की शर्ट मेहरून कलर एवं पैंट सफेद कलर का होगा।

धारा – 16 : संविधान की व्याख्या

भारतीय मीडिया फाउंडेशन संविधान की धाराओं और नियमो और उसके आशय की व्याख्या करने का अधिकार राष्ट्रीय कार्यसमिति को होगा। राष्ट्रीय कार्यसमिति का निर्णय सभी इकाइयों और सदस्यों के लिए अंतिम और बाध्यकारी होगा। भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संविधान में संशोधन, परिवर्तन या परिवर्धन सिर्फ राष्ट्रीय कार्यसमिति द्वारा गठित नीति निर्धारण समिति के द्वारा किया जाएगा।

नियम

भारतीय मीडिया फाउंडेशन के सदस्यता-प्रपत्र संबंधित राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा ही छपाये जायेंगे।
सदस्यता-प्रपत्रों पर क्रमवार संख्या डाली जायेगी, यह क्रम वर्षीय काल-खंड के बाद फिर से प्रारंभ होगा।
इन प्रपत्रों पर उस समय के प्रदेश अध्यक्ष या अध्यक्ष द्वारा नमांकित पदाधिकारी के हस्ताक्षर की मुहर होना अनिवार्य है।
सदस्यता प्रपत्र पुस्तिका के रूप में जारी किये जायेंगे, प्रथम वर्ष अथवा उस समिति क्षेत्र में पहली बार सदस्यता होने पर 25 फॉर्म की कॉपी दी जायेगी अन्यथा एक पुस्तिका में 10 फॉर्म होंगे।
जिले में सदस्य बनाने का उत्तरदायित्व मुख्यतः जिला/तहसील एवं ब्लॉक इकाइयों का होगा। .प्रदेश इकाइयां जिला इकाईओं को सदस्यता प्रपत्र जारी करेगी। जिला इकाइयां बाद में इन प्रपत्रों को अपनी अधीनस्थ इकाइयों को जारी करेगी। विशेष परिस्थिति में विशेष सदस्य को भी प्रपत्र जारी किये जा सकते है पर एक बार में 50 से अधिक सदस्यता प्रपत्र जारी नहीं किये जायेंगे। पहले जारी किये गए प्रपत्रों का हिसाब व धन जमा करा देने के बाद ही अधिक प्रपत्र जारी किये जा सकेंगे यदि इस आशय की शिकायत हो की जिला इकाई प्रपत्रों का उचित वितरण नहीं कर रही है तो जाँच के बाद प्रदेश इकाई उन इकाईओं को प्रपत्र सीधे वितरित कर सकेगी और संबंधित जिले को इसकी जानकारी दे देगी।
प्रपत्र जारी करते समय उनके प्राप्त होने के सम्बन्ध में क्षेत्रीय मैनेजमेंट/ प्रदेश/जिला/तहसील कार्यालय द्वारा हस्ताक्षरित पावती ली जायेगी यदि कोई इकाई या व्यक्ति अप्रयुक्त प्रपत्रों को लौटाने और प्रयुक्त प्रपत्रों का हिसाब समय से जमा कराने में विलम्ब करता है तो संगठन की ओर से कार्यवाही एवं पद से निलंबित किया जा सकता है।
जिला इकाइयों प्रत्येक वर्ष सदस्यों की स्थानीय और महानगर समिति के अनुसार सूचियाँ तैयार करवायेंगी। उनमे उस वर्ष में बनाये गए नये सदस्यों को जोड़ा जायेगा जिले में स्थानीय समिति और नगर एवं महानगर समिति के अनुसार किन किन स्थानीय समितियों में कुल कितने कितने सदस्य हो गए है, इनका पूर्ण ब्यौरा प्रदेश को भेजा जायेगा।
धारा-17
प्रतिज्ञा
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के मूल दर्शन “सशक्त मीडिया के नव निर्माण एवं लोकतंत्र की व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए संकल्प”लेता हूं/लेती हूं,
राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय एकात्मता, लोकतंत्र “सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं के प्रति समानता वादी दृष्टिकोण के आधार पर समता युक्त एवं शोषणमुक्त समाज की स्थापना सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता” सर्वधर्म समभाव और मानवतावादी मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता एवं सामाजिक कार्यों के प्रति मेरी निष्ठा है।
मैं ऐसे राष्ट्र की अवधारणा को स्वीकार करता हूं /करती हूं , जो संप्रदाय- निरपेक्ष हो तथा उपासना – पद्धति पर आधारित न हो,
मैं जाति – लिंग एवं मजहब के आधार पर किसी प्रकार के विभेद पर विश्वास नहीं करता हूं/ करती हूं,
मैं भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संविधान, नियम और अनुशासन के पालन का वचन देता हूं /देती हूं,
मेरे द्वारा किसी भी तरह से संगठन विरोधी कार्य किए जाने पर संगठन से निष्कासित एवं कानूनी कार्रवाई किया जाएगा तो मुझ शपथ कर्ता/ कर्ती को कोई आपत्ति नहीं होगी।

धारा -18

केंद्रीय मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के द्वारा अनुशासन समिति,
पॉलिसी मेकिंग सुप्रीम कमेटी (नीति निर्धारण समिति) राष्ट्रीय सलाहकार परिषद , जनरल असेंबली का गठन किया जाएगा जिसमें अध्यक्ष के साथ अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
1-अनुशासन समिति को किसी भी मामले में संगठन की ओर से विधि पूर्वक अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का स्वतंत्र अधिकार होगा।
2-पॉलिसी मेकिंग सुप्रीम कमेटी को संगठन के नियम एवं संविधान में संशोधन तथा नए नीति एवं कार्यक्रम का निर्धारण करने का स्वतंत्र अधिकार होगा जो प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी को भेजेगा जिस पर केंद्रीय मैनेजमेंट अफेयर्स कमेटी का सहमति होने के बाद उसे संपूर्ण रूप से लागू करने का अधिकार होगा।
3-राष्ट्रीय सलाहकार परिषद-भारतीय मीडिया फाउंडेशन के समस्त कार्यक्रमों के निर्धारण एवं उद्देश्य, लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का सलाह और सुझाव अनिवार्य एवं अंतिम निर्णय होगा।
4-जनरल असेंबली-संगठन के समस्त सदस्यों को मिलाकर जनरल असेंबली (साधारण सभा) का गठन किया जाएगा जिसके केंद्रीय अध्यक्ष की अध्यक्षता में समस्त कार्यक्रम एवं विषयों पर विधि पूर्वक चर्चा परिचर्चा की जाएगी।

धारा 19-

भारतीय मीडिया फाउंडेशन के अनुषांगिक संगठन भी होंगे।
1-यूथ विंग
2-महिला सेल
3-अधिवक्ता फोरम
4-बॉलीवुड फोरम
5-प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सेल
6-डिजिटल मीडिया सेल
7-किसान मजदूर फोरम (कृषि प्रभाग)
8-परिवहन फोरम
9-चिकित्सा फोरम
10-उद्योग फोरम
11-शिक्षा फोरम
12-सैनिक फोरम
13-दिव्यांग फोरम
14-सांस्कृतिक फोरम
15-BMF News Network
16-निर्मल राष्ट्र हिंदी समाचार पत्र
17-भारतीय मीडिया आज तक न्यूज़ ।

आगे आवश्यकता अनुसार प्रकोष्ठ का गठन करने का प्रावधान है।
जिससे सभी विभागों के प्रति पत्रकारिता की पकड़ बनाई जा सके।
संगठन की ओर से समस्त सरकारी विभागों के देखने के लिए विभाग वार समितियों का गठन किया जाएगा।।

(आवश्यक सूचना- यह जो आपके सामने फाइल प्रस्तुत किया गया है इसमें अभी 56 उद्देश्य को ऐड नहीं किया गया है जो संस्था का उद्देश्य है उसे ऐड करके पूरा फाइल आपके सामने प्रस्तुत की जाएगी यह जानकारी मात्र के लिए कुछ अंश प्रस्तुत किया गया है)

भारतीय मीडिया फाउंडेशन पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के अधिकार सम्मान सुरक्षा एवं संवैधानिक अधिकारों को दिलाने के साथ-साथ नागरिक पत्रकारिता के लिए दृढ़ संकल्पित है।
उपरोक्त विषय को ध्यान में रखते हुए भारतीय मीडिया फाउंडेशन संगठन की मजबूती के लिए जीरो ग्राउंड से पुनर्गठन का कार्यक्रम चला रही है जिसमें संघर्षशील, कर्मठ, निडर एवं निष्पक्ष व पारदर्शी पत्रकारिता करने वाले साथियों को राष्ट्रीय कमेटी में शामिल करने का निर्णय लिया है।
जो भी साथी संगठन के मुख्य नेतृत्व में आकर इस महत्वपूर्ण महाक्रांति में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं उन्हें भारतीय मीडिया फाउंडेशन अवसर प्रदान कर रहा है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन का राष्ट्रीय मीडिया अधिकारी बनने के लिए आप तत्काल संपर्क कर सकते हैं।

 

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