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सिन्दरी हर्ल से छटनीग्रस्त मजदूर पुत्र का सूरत में मौत परिजनों में मातम का माहौल

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सिन्दरी हर्ल से छटनीग्रस्त मजदूर पुत्र का सूरत में मौत परिजनों में मातम का माहौल।


NEWS BMF के लिए झारखंड धनबाद से कैमरा मैन राज कुमार शर्मा के साथ ब्यूरो चीफ प्रेम प्रकाश शर्मा की रिपोर्ट।


सिन्दरी, धनबाद।
सिंदरी बस्ती के निवासी अनिल रजवार के पुत्र आकाश रजवार (22) को यहां हर्ल कारखाना में रोजगार नहीं मिलने के कारण रोजगार की तलाश में सूरत गया था। जहां अचानक तबीयत खराब होने के कारण मृत्यु हो गई। अनिल रजवार के घर में आज इनका पुत्र का शव लाया गया।

इससे उनका घर में कोहराम मचा हुआ है एवं पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।मृतक आकाश रजवार का पिता अनिल रजवार हर्ल में वाटर सर्विस विभाग में मजदूर का कार्य दशकों से करता था। हर्ल प्रबंधन ने एफ सी आई सिन्दरी के अंतर्गत ठेका में कार्यरत 66 मजदूरों को शुरू में काम पर रखा ,4 महीने तक 66 मजदूरों से हर्ल प्रबंधन काम भी लिया। उन सभी का वेतन भुगतान भी किया।

उसके बाद 66 में से 45 मजदूरों को काम पर रखा जो अभी हर्ल में कार्यरत है एवं बाकी 21 मजदूरों को काम से यह कह कर बैठाया कि जैसे–जैसे मजदूरों की जरूरत होगी वैसे कार्य पर रखा जाएगा ,लेकिन आज तक उन सब मजदूरों को काम पर नहीं रख कर,वे लोग जो काम करते थे ।उसी काम को इनलोगों के बदले नए मजदूर रख कर काम लिया जा रहा है।

जब कि ये सभी मजदूर यहां के स्थानीय एवं विस्थापित बेरोजगार है। अनिल रजवार को काम से बैठाने के बाद उत्पन्न आर्थिक तंगी के कारण अनिल रजवार की पत्नी की मृत्यु विगत वर्षों में हुआ । अनिल रजवार को काम से बैठाने के कारण उनका लड़का दुखी होकर रोजगार की तलाश में सूरत गया हुआ था। जहां उनका तबियत अचानक बिगड़ने के कारण दिनांक–12/11/2024 को मृत्यु हुआ। विदित हो कि हर्ल प्रबंधन यहां के स्थानीय एवं विस्थापित बेरोजगार योग्य युवकों को काम पर नहीं रखना चाहता है जिसके कारण स्थानीय एवं बेरोजगार युवकों का काफी आक्रोश है।

यहां के स्थानीय एवं विस्थापित युवकों को तकनीकी शिक्षा (ITI,Diploma) प्राप्त है। प्रबंधन से वार्ता करने पर यह कहता है कि हमने 75% स्थानीय युवकों को काम पर रखा है लेकिन सूची मांगने पर नहीं उपलब्ध कराते है। कार्यरत मजदूरों को बैठा देने का क्या औचित्य है जबकि ये लोग दशकों से एफ सी आई में काम कर रहे थे। इसके लिए जोरदार आंदोलन होगा एवं बैठाए गए श्रमिक को काम पर नहीं रखा तो प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा। प्रबंधन के इस रवैया के कारण आए दिन यहां के बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में बाहर जाकर दुर्घटना का शिकार होने के कारण मृत्यु होती है। प्रबंधन की हठधर्मिता एवं अडियल रवैया अनैतिक,असामाजिक, असंवैधानिक एवं स्थानीय नियोजन नीति के खिलाफ है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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