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जिला बहराइच के थाना मोतीपुर सर्रा मुंदरी लालापुरवा में पत्रकार के ऊपर हुआ जानलेवा हमला।

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रिपोर्ट: सुनील कुमार गुप्ता

  • भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने ग्राम प्रधान एवं प्रधान प्रतिनिधि एवं उनके गुंडों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की किया मांग।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के ऊपर समाचार संकलन के दौरान हमले बड़े ही तेजी से हो रहा है।
अब प्रदेश में पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं है उत्तर प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार के बार-बार निर्देश जारी किए जाने के बावजूद भी गुंडों माफियाओं एवं भू- माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों का गुंडाराज समाप्त नहीं हो रहा है और न हीं पत्रकारों की सुरक्षा हो रही है।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के अंतर्गत पत्रकार ने सर्रा मुंदरी गांव की जमीनी हकीकत का वीडियो बनाकर खबर का प्रकाशन किया जिसमें सच्चाई उजागर हुई जिससे प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि और भ्रष्टाचारियों में खलबली मच गई।
जब ग्रामीणों ने चौथे स्तंभ पर यकीन किया कि अब हमारे गांव का कल्याण हो जाएगा फिर पत्रकार को कवरेज के लिए बुलाया गया पत्रकार गांव में पहुंचकर सारे प्रकरण को अपने कमरे में कैद करना प्रारंभ किया। ग्रामीणों बयान देने के लिए एकत्र हुए उसी दौरान प्रधान के लोगों ने पत्रकार पर हमला कर दिया और फोटो एवं वीडियो में साफ देखा जा सकता है की किस प्रकार दबंगई से पत्रकार का माइक छीन कर ले जा रहा हैं।
पीड़ित पत्रकार ने बताया कि दुर्गेश राजपूत वर्तमान प्रधान प्रतिनिधि पुत्र प्रेम व सुनील राजपूत पुत्र मेंड़़ई निवासी गण लाला पुरवा सर्रा मुंदरी ने अभद्र व्यवहार और मारपीट जान से मारने की धमकी और माइक तोड़ दिया कालर फाड़ दिया।
पीड़ित पत्रकार लवकुश वर्मा ने कहा कि लिखित प्रार्थना पत्र मोतीपुर थाने में दिया गया है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण तिवारी जी तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील गुप्ता जी ने संयुक्त रूप से जारी बयान में कहां कि समाचार कवरेज के दौरान पत्रकार से बदतमीजी, व जानलेवा हमला
चौथे स्तंभ पर जानलेवा हमला लगातार हो रहे हैं।

बहराइच में दबंग ने छीना पत्रकार की माइक आजकल लाइव टीवी न्यूज़ चैनल के पत्रकार लव कुश वर्मा के साथ सर्रा मुंदरी गांव के लाला पुरवा गांव मे हुई घटना शर्मसार करने वाली हैं ।
उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा दिशा निर्देश जारी किए जाने के बाद भी पत्रकारों का कहीं सम्मान नहीं हो रहा है उत्तर प्रदेश में कुंडों माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है पत्रकारों के अभिव्यक्ति के अधिकारों पर तालाबंदी करने की यह एक सोची समझी योजना के तहत कार्रवाई हो रही है इसलिए केंद्र एवं राज्य सरकार शोषण कर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है बल्कि उन्हें इज्जत से उनका आवा भगत करती है।

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