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9 अगस्त क्रांति दिवस पर कांग्रेस कार्यालय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया

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रिपोर्ट: निशा कांत शर्मा 

एटा,जिला कांग्रेस कार्यालय धान मील वाली गली एटा पर विचार गोष्ठी कर क्रांति दिवस मनाया गया।
बाद में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का घर पहुंच कर शाल उड़ा कर और फूल माला पहना कर सम्मान किया गया ।
विचार गोष्ठी में ठाकुर अनिल सोलंकी ने कहा कि 1857 के विद्रोह के बाद भारत में राष्ट्रीयता का उदय होने लगा था। 1885 में कांग्रेस की स्थापना के साथ इसे एक संगठित रूप देने का प्रयास शुरू किया गया। महात्मा गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से वापस आने के बाद कांग्रेस आम जनता को कांग्रेस बनने की तरफ अग्रसर हुई। देश में गांधी युग की शुरुआत हुई। समाज के हर वर्ग को एकजुट करके स्वतंत्रता की लड़ाई को आगे बढ़ाने का कार्य गांधी जी द्वारा किया गया। गांधी जी द्वारा तीन राष्ट्रीय आंदोलन किए गए। पहला असहयोग आंदोलन था जिसमें सरकार के साथ सहयोग नहीं करना था, जब देशवासियों के अंदर संघर्ष की क्षमता और अधिक विकसित हुई तब गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का नारा दिया इसमें सरकार का सहयोग न करने के साथ-साथ कानून को तोड़ने को भी कहा गया। नमक कानून को तोड़कर गांधी जी ने इस आंदोलन की शुरुआत की।

नैना शर्मा एडवोकेट पीसीसी ने कहा कि भारत में जब राष्ट्रीयता हर वर्ग में चरम पर पहुंच गई तब महात्मा गांधी अंग्रेजों को आदेश देते हैं कि वह भारत छोड़ दें। भारत छोडो आंदोलन अंतिम आंदोलन था उसके बाद अंग्रजों को भारत से जाना ही पड़ा। 14 जुलाई 1942 को वर्धा में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भारत छोड़ो आंदोलन के प्रस्ताव को पास किया गया था। मुंबई के ऐतिहासिक ग्वालिया टैंक मैदान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन 7-8 अगस्त को हुई जिसमें वर्धा कि कांग्रेस कार्य समिति से पास प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया। मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद कर रहे थे, पंडित नेहरू ने भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पेश किया तथा सरदार पटेल ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया।

सुभाष सागर एडवोकेट पूर्व सभासद जिला महासचिव ने कहा कि 8 अगस्त 1942 को ग्वालिया टैंक मैदान में कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ जनता भी गांधी जी को सुनने के लिए बेताब थी। गांधी जी ने लगभग 70 मिनट तक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मैं आपको एक मंत्र देता हूं आप इसे गांठ बांध लीजिए ‘करो या मरो’ जिसका अर्थ था भारत की जनता देश की या तो आजादी प्राप्त करेंगे या उसके लिए संघर्ष करते हुए अपनी जान दे देंगे। उन्होंने कहा “आप लोगों में से प्रत्येक व्यक्ति को आजसे स्वतंत्र व्यक्ति समझना चाहिए तथा इस प्रकार कार्य करना चाहिए कि मानो आप स्वतंत्र हो। मैं स्वतंत्रता से कम किसी भी वस्तु से संतुष्ट नहीं होऊंगा।”

संजीव गुप्ता जिला अध्यक्ष सेवा दल ने कहा कि गांधी जी के उस दिन के भागण के बारे में डॉक्टर पट्टाभिसीतारमैया कहते हैं कि वास्तव में गांधीजी उस दिन अवतार एवं पैगंबर की प्रेरक शक्ति से प्रेरित होकर भाषण दे रहे थे। गांधी जी ने अपने भाषण में कहा कि हम अपनी गुलामी स्थाई बनाया जाना नहीं देख सकते हैं। पूरे देश की जनता और कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साह से भर गए और वह भारत छोड़ो आन्दोलन के लिए तैयारी करने लगे। सरकार भी सचेत थी उसने मध्य रात्रि को “ऑपरेशन जीरो आवर” के तहत सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। 9 अगस्त की सुबह ज्यादातर नेता गिरफ्तार कर लिए गए थे। गांधी जी को पुणे के आगा खां पैलेस में तथा अन्य नेताओं को अहमदनगर के दुर्ग में रखा गया।
सोहन लाल वर्मा जिला अध्यक्ष राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू को अल्मोड़ा जेल में तथा मौलाना अबुल कलाम आजाद को बांकुरा जेल में रखा गया। कांग्रेस को अवैधानिक संस्था घोषित करके इसकी संपत्ति को जप्त कर लिया गया।
विचार गोष्ठी के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री गुलजारी लाल , पुरन सिंह पुन्नी ग्राम जार निवासी के परिजन बंटी कश्यप जी का उनके निवास मानसरोवर कालोनी एटा, डाक्टर सुरेंद्र स्वेरी सविता जिला महासचिव का कांग्रेस कार्यालय पर एवम ग्राम चमकरी में स्वत्रंता संग्राम सेनानी ठाकुर जोगराज सिंह चौहान के परिजन राजबीर सिंह चौहान,रामबीर सिंह चौहान,हरबीर सिंह चौहान का उनके निवास पर पहुंच कर स्वागत किया गया।
जी टी रोड जनता मंदिर के पास कांग्रेस जनों ने पहुंच कर बाबू राम वर्मा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की प्रतिमा पर फूल माला पहना कर नमन किया। और कांग्रेस कार्यालय पर वृक्षारोपण किया।
इस अवसर पर ठाकुर अनिल सोलंकी जिला अध्यक्ष,नैना शर्मा एडवोकेट पीसीसी, डाक्टर सुरेंद्र स्वेरी सविता, सुभाष सागर एडवोकेट पूर्व सभासद,संजीव गुप्ता,सोहन लाल वर्मा,ओमप्रकाश सिंह तोमर, चंद्र कांत गांधी ,पंकज गोतम,रामरतन बाल्मीकि,अभिषेक मिश्रा, राजेश कुमारी,इंदेश कुमारी, अभिषेक तोमर, भरत सिंह वर्मा,पुस्पेंद्र बघेल, ओंबीरसिंह राजपूत,सुरेश चंद्र बाल्मीकि,मुनेंद्र प्रजापति,धीरेंद्र सिंह चौहान,हरिओम राजपूत आदि।

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