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उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष की छत्रछाया मे फल फूल रहा है भ्रष्टाचार

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रिपोर्ट: एके बिन्दुसार (चीफ एडिटर -BMF NEWS NETWORK)

वाह रे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन

*लखनऊ 21 जुलाई :* उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अवैध अध्यक्ष की छत्र छाया मे फल फूल रहा है भ्रष्टाचार लिख तो दिया परन्तु सबित करना भी जरूरी है ।
*उदाहरण पहला ही स्थानांतरण नीति है जहाँ महोदय ने सविदा कर्मियो के भी स्थानांतरण करने का आदेश जारी कर दिया है तो फिर सालो से शक्तिभवन के जानदप मे बैठे अधीक्षण अभियन्ता महोदय को क्यो छोड दिया ??? क्या जनाब का जोर सिर्फ कमजोरो पर चलने के लिए है वैसे पूरे शक्तिभवन मे चर्चा है कि बडका बाबू जी से कोई भी काम कराना हो तो इन महोदय से सम्पर्क कर के कराया जा सकता है यह सबसे खासम खास व्यक्ति है दबी जुबान चर्चा है कि चाँदी का जूता चलाओ स्थानांतरण हो , निविदा सम्बन्धित कार्य हो , मनचाही पोस्टिग हो या बडकऊ से सम्बन्धित कोई भी कार्य हो करा लो जैसे कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के सुपर सोनिक अभियन्ता भ्रष्टाचारी वेद प्रकाश कौशल ने किया अधिशासी अभियन्ता होते हुए विभागीय गबन धोटाला , स्क्रैप घोटाला , भवन निर्माण घोटाला , अग्निशमन से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र घोटाला, फर्नीचर घोटाला इस घोटाले मे तो जनाब ने स्क्वायर मीटर मे समान खरीदा है टेण्डर/ निविदाओ मे खेल तो जनाब का पसन्दीदा है और तो और विधानपरिषद को भी गुमराह कर दिया जनाब ने स्टेट विजलेन्स ने इन सभी आरोपो को अपनी जाँच मे सही पाया है और इनकी सर्विस बुक मे यह सब अंकित करते हुए खुली जाँच कराने के आदेश दिए है परन्तु इतना सब होने के बावजूद जनाब को पदोन्नत कर अधीक्षण अभियन्ता बना दिया गया* । *जिसका पूरा श्रेय अधीक्षण अभियन्ता जानपद शक्तिभवन को जाता है कि खूब लूट करो और फिर चादी का जूते से इस पुजारी के जरिए बडकऊ का मुह सुजाओ और अपना काम बनाओ इतना सब होने के पश्चात जनाब का स्थानांतरण पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम हो जाता है वहाँ पर इन बडका बाबू जी कि विषेश कृपा पात्र प्रबन्धनिदेशक पश्चिमाचल के तो कहने ही क्या पूरे मुख्यालय मे चर्चा है कि भ्रष्टाचारी वेद प्रकाश कौशल जिसको उत्तर प्रदेश की विजलेन्स ने भ्रष्टाचार के कई मामलो मे दोषी पाया है उसको लखनऊ मे बैठे बडका बाबू ने पदोन्नत कर भ्रष्टाचार का पुरस्कार देते हुए पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम भेजा गया तो वाहाँ जाते ही जनाब ने गुल खिलाने शुरू कर दिये लेकिन गुल खिलाने से पहले प्रबन्धनिदेशिका महोदय के सरकारी घर मे चार इच मोटा मैट बिछा दिया ताकि उनका बच्चा पूरे घर मे कही भी गिरे उसे चोट ना लगे । जाते ही एक षडयन्त्र के तहत मुख्य अभियन्ता को अपनी शातिराना चाल चलते हुए एक अभियन्ता के द्वारा फसा कर निलम्बित करा दिया फिर उस अभियन्ता को भी निलम्बित कर खुद बेहद ईमानदार महोदया की कृपा से जाँच अधिकारी बन जबकि स्टेट विजलेन्स ने इसकी खुली जाच चल रही है और विजलेन्स ने अपनी जाँच मे इसे दोषी भी पाया है परन्तु चादी के जूते की ताकत से यह जनाब यहाँ पर भी अपना भ्रष्टाचार का साम्राज्य स्थापित करने मे सफल हुए है जैसे वाराणसी बिन बुलाए न्यायालय चले जाते है और पुलिस को भी गुमराह कर के अंगरक्षक भी हासिल कर लेते है जिसकी जाँच वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा कराई जा रही है मेरठ डिस्कॉम मुख्यालय मे चर्चा है कि इसी वाराणसी के आने जाने के खर्च ना मिलने व अपने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के कारण महोदय ने मुख्य अभियन्ता को सजिशन भ्रष्टाचार के मामले मे फसा कर उनको निलम्बित करा दिया ऐसे न जाने कितने मामले है जिन पर इन की छाया है परन्तु इस भ्रष्टाचारी बिल्ले के गले मे पडी भ्रष्टाचार की घण्टी जो कि विजलेन्स ने डाली है उसकी आवाज तो किसी को सुनाई नही देती क्यो कि इस महाभ्रष्ट ने सभी को चाँदी के जूते की ताकत से साध रखा है* । खैर

*युद्ध अभी शेष है*

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