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POCSO मामलों को समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

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रिपोर्ट: एके बिंदुसार (चीफ एडिटर- BMF NEWS NETWORK)

POCSO मामलों को समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

यह मामला उत्तर प्रदेश राज्य और तीन अन्य के खिलाफ संजीव कुमार द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत दायर एक आवेदन के

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) को विशेष कानून बताते हुए इससे जुड़े अपराधों को निजी मामला मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस प्रकार के मामलों को समाज को प्रभावित करने वाला मानते हुए स्पष्ट आदेश जारी किया है कि विशेष कानून जैसे POCSO Act के अपराध को समझौते के आधार पर रद्द नहीं कर सकते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस निर्णय को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। छोटे बच्चों के साथ यौन अपराध करने वाले अपराधियों की ओर से रसूख और धनबल- बाहुबल का इस्तेमाल कर पीड़ितों को समझौते के लिए मजबूर किए जाने के मामले भी सामने आते रहे हैं। ऐसे में इस प्रकार के विशेष मामलों में समझौते के आधार पर केस को रद्द करने से इनकार का बड़ा असर पड़ना तय है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के क्रम में कहा है कि विशेष कानून की आपराधिक कार्यवाही को पक्षों के बीच समझौते के आधार पर रद्द

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